Dust Pollutants Harmful Effects: भारत के कई शहर दुनिया के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में टॉप 10 में आते हैं, दिल्ली में उनमें से एक है, यहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स खतरनाक होता है. इसके लिए गाड़ियों और फैक्ट्रीज का धुआं काफी हद तक जिम्मेदार है, लेकिन हवा में उड़ने वाले धूल के कण भी कम नुकसानदेह नहीं हैं. देश की राजधानी और आसपास के इलाकों में बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन का काम भी खूब होता है, जिसकी वजह धूल और मिट्टी के कण हवा में तैरते रहते हैं. आइए जानते हैं कि अगर आपने इनके बीच सांस लिया तो सेहत को कौन-कौन से नुकसान हो सकते हैं.
सेहत पर पड़ेगा ऐसा असर
धूल के कणों को सांस लेने से सिर्फ आंखों को ही नहीं, बल्कि नाक, गला, और फेफड़ों तक पहुंचने का खतरा होता है. ये कण वायुमंडल में उड़ने वाले छोटे कण होते हैं और इन्हें सांसों के जरिए फेफड़ों तक पहुंचना बहुत आसान होता है. ये धूल के कण लंग्स को नुकसान पहुंचा सकते हैं, सांस लेने में दिक्कत होगी तो इससे दिल की सेहत पर भी बुरा असर पड़ेगा
रिस्पाइरेटरी डिजीजधूल के कणों के साथ सांस लेने का एक और बड़ा नुकसान ये है कि इससे रिस्पाइरेटरी डिजीज (Respiratory Disease) का खतरा बढ़ सकता है, जैसे कि ब्रोंकाइटिस, अस्थमा, वगैरह. सांस है तो जीवन है, और अगर आप सांस हवा में सांस नहीं ले रहे हैं तो कहीं न कहीं जिंदगी को जोखिम में डाल रहे हैं.
धूल के कणों से कैसे बचा जा सकता है?धूल के कण हमारी सांसों के जरिए लंग्स को नुकसान नहीं पहुंचाएं, इसके लिए कई कदम उठाए जा सकते हैं.
1. मास्क पहनेंबाहर जाते समय और धूली जगहों पर काम करते समय हमेशा मास्क पहनें. मास्क धूल के कणों को रोकने में मदद करता है.
2. घर को साफ रखेंघर को नियमित रूप से सफाई करें और धूल को बाहरी जगहों पर जमा नहीं होने दें.
3. पेड़ लगाएंपेड़-पौधों को लगाने से वायुमंडल में कणों का स्तर कम हो सकता है.
4. एयर प्यूरिफायर यूज करेंअगर घर के अंदर भी धूल के कण आ रहे हैं तो इससे बचने के लिए एयर प्यूरिफायर का इस्तेमाल करें.
(Disclaimer:प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मक़सद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.)