विशाल भटनागर/मेरठ: पश्चिम उत्तर प्रदेश के मेरठ भामाशाह पार्क जो वर्तमान समय में बच्चों की खेल गतिविधियों का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन चुका है. अंग्रेजी हुकूमत में यह एक बड़ी जेल का स्वरूप हुआ करता था.जिसमें क्रांतिकारियों को बंद कर यातनाएं दी जाती थी. इसी तरह का उल्लेख प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भी देखने को मिलता है. जब ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ विद्रोह करने वाले 85 सैनिकों को भी इसी जेल में बंद कर दिया गया था.
इतिहासकार डॉ. नवीन गुप्ता बताते हैं 1857 में जब गाय व सूअर की चर्बी के बने कारतूस का विरोध करते हुए सैनिकों ने विद्रोह कर दिया था. तो अंग्रेजी हुकूमत ने उन सभी का कोर्ट मार्शल करते हुए विक्टोरिया पार्क की जेल में बंद कर दिया था.इस बात की जानकारी जब अन्य क्रांतिकारियों को लगी तो उन्होंने रणनीति के तहत विक्टोरिया पार्क की जेल पर हमला बोल दिया. इसके बाद उन्होंने उन सभी 85 सैनिकों के साथ जेल में बंद 800 से अधिक क्रांतिकारियों को भी छुड़ा लिया था.
गांव गांव पहुंची थी चिंगारी
डॉक्टर नवीन गुप्ता बताते हैं कि क्रांतिकारियों ने अपने साथियों को जेल से छुड़ाने के बाद जेल परिसर को भी भारी नुकसान पहुंचाया था और जो भी अंग्रेजी हुकूमत का अफसर उनके सामने आया उसको भी मार गिराया था. ऐतिहासिक तथ्यों में तो यह भी उल्लेख है कि अंग्रेजी हुकूमत के अफसर इन क्रांतिकारियों के सामने नतमस्तक हो गए थे. इसके बाद इन क्रांतिकारियों को कारवां आगे बढ़ता गया और विभिन्न गांव से भी समर्थन मिलता गया . यह 11 मई 1857 को दिल्ली पहुंच गए.
85 सैनिकों के नाम का उल्लेख
बताते चलें कि आज भी अगर आप विक्टोरिया पार्क जाएंगे तो आपको एक स्मारक बना हुआ मिलेगा. जिस पर उन सभी 85 सैनिकों का नाम उल्लेख है. जिन्होंने प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में अहम योगदान निभाया था. हालांकि वर्तमान समय में इस पार्क को भामाशाह पार्क के नाम से जाना जाता है. यहां युवा क्रिकेट सहित अन्य खेल खेलते हुए दिखाई देते हैं.
.Tags: Local18, Meerut news, UP newsFIRST PUBLISHED : August 29, 2023, 23:43 IST
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