रजत भट्ट/गोरखपुर : गोरखपुर में साउथ इंडियन खाने ने भी अपना जलवा बिखेर रखा है. इसके साथ-साथ यहां का स्वाद भी लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है. इसका सबूत शाम को हर ठेले और रेस्टोरेंट पर लगने वाली भीड़ है. इन दिनों गोरखपुर में तरह-तरह के खाने पीने की चीज उपलब्ध है.
रेस्टोरेंट में तो आपको वैरायटी मिल जाती है. साथ ही हर चौक चौराहों पर भी स्टॉल लगाकर लोग नई-नई जायके की चीज बेज रहे हैं. लेकिन वहीं शहर में साउथ इंडियन डिश का भी अलग क्रेज है. तो वही शहर मे साउथ इंडियन स्वाद की जिम्मेदारी पिछले 25 सालों से मदुरै के मुतूराम ने उठाई है. तमिलनाडु से आकर गोरखपुर में लोगों को साउथ इंडियन डिश खिलाने का इनको अलग ही शौक है.
25 साल से गोरखपुर में बेच रहे डोसा
गोरखपुर के कालीबाड़ी के सामने ठेले पर 25 साल पहले तमिलनाडु के मदुरै से आए मुतूराम ने साउथ इंडियन व्यंजन को खिलाने की शुरुआत की. दुकान पर पहुंचने के बाद हमारी मुलाकात एम शेखर से हुई शेखर बताते हैं कि, 25, 30 साल पहले उनके पिता मुतूराम ने यहां दक्षिण भारतीय व्यंजन की शुरुआत की थी. उस वक्त लोगों को उनके हाथों से बने साउथ इंडियन फूड बहुत पसंद आते थे. वह सिलसिला चलता रहा और आज मुतूराम के बेटे एम शेखर इसकी जिम्मेदारी संभाल लिए हैं. हलाकि अब दुकान का नाम दुर्गा डोसा कॉर्नर रख दिया गया है. वहीं अब दुकान पर डोसा के साथ इडली और उत्तपम की भी वैराइटी शेखर ने बढा दि है.
शेखर अपने हाथों से बनाते हैं डोसा
दुकान पर साउथ इंडियन फूड को खुद शेखर अपने हाथों से बनाते हैं. शेखर खुद इस दुकान के मालिक है लेकिन दुकान पर मैनेजर बैठा रखा है. और रसोई का काम खुद संभालते हैं. शेखर बताते हैं कि पिताजी कारीगर पर भरोसा नहीं करते थे. वो इसके सीक्रेट मसाले खुद तैयार करते थे और उसकी रेसिपी अब सिर्फ शेखर को ही पता है. शेखर अपने हाथों से डोसे को बनाते हैं और सीक्रेट मसाले से डोसे की स्टाफिंग करते हैं. इसके साथ इटली और उत्तपम भी वह बनाते हैं. डोसे का दाम ₹80 है तो इटली और उत्तपम ₹60 में मिल जाते हैं.
.Tags: Gorakhpur news, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : August 26, 2023, 14:42 IST
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