कृष्ण गोपाल द्विवेदी/बस्ती. शिक्षा व्यवस्था बेहतर करने के लिए शासन नित नए प्रयोग कर सुविधायुक्त विद्यालय भवन, स्मार्ट क्लास जैसी सुविधाओं को बढ़ावा दे रहा है, लेकिन बस्ती जिले में शिक्षा व्यवस्था और स्कूल की इमारतें पूरी तरह से बदहाली का शिकार हो चुकी हैं. विद्यालय में बने कमरों की छत पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है. छत कब गिर जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता है. लेकिन, छत के नीचे बैठकर मासूम पढ़ाई कर रहे हैं. लेकिन, शिक्षा विभाग के अफसरों पर इस ओर कोई ध्यान नहीं है.बस्ती जनपद के राजकीय कन्या बेसिक प्राइमरी पाठशाला, नगर क्षेत्र, गांधी नगर का है. जिसकी स्थापना 1922 में की गई थी, यह स्कूल तब जैसे बना था आज भी यह विद्यालय उसी कंडीशन में है. जिसका नतीज़ा यह रहा कि इसकी मिट्टी की दिवाल और उसमें लगी लकड़ी टूट-टूट कर गिर रही है और बारिश के बाद तो स्थिति और भी ज्यादा बद से बत्तर हो जाती है. अब यहां पढ़ने वाले छात्रों और पढ़ाने वाले अध्यापकों को यही नहीं समझ में आ रहा है पढ़ाई की जाए या जान बचाई जाए. यही नहीं यह विद्यालय किराए की जमीन में संचालित हो रहा है जिसमें न तो शौचालय की व्यवस्था है, न पेयजल की और न ही बिजली की.अनदेखी से हो सकता है बड़ा हादसाप्रधानाध्यापक एहसान अंसारी ने बताया कि भवन की दुर्व्यवस्था को लेकर काफी बार विभाग के उच्च अधिकारियों से शिक़ायत की गई. लेटर भी लिखा गया लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई. नतीजतन हम लोग जिंदगी मौत के बीच जीने को मजबूर है. बीएसए बस्ती अनूप कुमार ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है. जल्द ही वहां पढ़ने वाले बच्चों को अन्य स्कूल में शिफ्ट किया जाएगा और भूमि देखकर नए स्कूल का निमार्ण करवाया जाएगा..FIRST PUBLISHED : August 21, 2023, 17:41 IST
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