16 अगस्त को खत्म होगा मलमास, यहां जानें अधिकमास की अमावस्या का शुभ मुहूर्त और उपाय

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16 अगस्त को खत्म होगा मलमास, यहां जानें अधिकमास की अमावस्या का शुभ मुहूर्त और उपाय



सर्वेश श्रीवास्तव/अयोध्या: सनातन धर्म में अमावस्या तिथि का बड़ा महत्व माना जाता है. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, 19 साल बाद सावन के बीच में अधिक मास पड़ा है. ऐसे में अधिक मास की अमावस्या महत्वपूर्ण हो गई है. इस साल सावन माह में अधिक मास पड़ जाने की वजह से सावन पूरे 2 महीने का हो गया है.

लेकिन अब वह दिन भी आ गया जब 18 जून को शुरू हुए अधिक मास अथवा मलमास का समापन 16 अगस्त को होगा. इसी दिन अमावस्या तिथि भी है. धार्मिक मान्यता के मुताबिक, अमावस्या तिथि के दिन पवित्र नदियों में स्नान, दान अथवा तर्पण का महत्व बताया गया है. इस दिन पितरों का श्राद्ध और तर्पण करना भी शुभ माना जाता है.

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अयोध्या के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित कल्कि राम बताते हैं कि हिंदू पंचांग के मुताबिक इस वर्ष अमावस्या तिथि की शुरुआत 15 अगस्त को दिन में 12:45 से शुरू हो रही है जो 16 अगस्त दोपहर 3:07 पर समाप्त होगी. उदया तिथि की वजह से अधिक मास की अमावस्या का पर्व 16 अगस्त को मनाया जाएगा.

जानिए पूजा विधिअधिक मास की अमावस्या तिथि के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पवित्र नदियों में स्नान करना शुभ फल देने वाला बताया गया है. अगर आप किसी कारणवश पवित्र नदियों में स्नान नहीं कर सकते तो घर पर स्नान करते वक्त बाल्टी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें. इसके बाद आप भगवान सूर्य को अर्घ्य दें. साथ ही गरीब असहाय लोगों को दान दें, उसके बाद भगवान शंकर और माता पार्वती की विधि विधान से पूजा करें. अमावस्या तिथि के दिन ऐसा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. साथ ही पितरों की शांति के लिए श्रद्धा और तर्पण करने का भी इस दिन विधान है.

अमावस्या तिथि के दिन करें यह उपायअमावस्या तिथि के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने के बाद भगवान गणेश की विधि विधान पूर्वक पूजा करना और भोग लगाना शुभ माना जाता है. साथ ही अमावस्या के दिन शिव मंदिर में जाकर भगवान भोले का रुद्राभिषेक करना चाहिए, उन्हें बेलपत्र, धतूरा अर्पित करना चाहिए. ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है.

पितृ दोष से मिलेगी मुक्तिअगर आपकी कुंडली में पितृ दोष है और उस पितृ दोष को दूर करना चाहते हैं तो इस दिन भगवान भोले के शिवलिंग पर जल, दूध, दही और शहद के साथ काला तिल चढ़ाना चाहिए. इसके अलावा लंबी आयु और मृत्यु के भय को दूर करने के लिए भगवान भोले के शिवलिंग पर फूल, बेलपत्र, भांग और धतूरा आदि चढ़ाया जाता है.

(NOTE: इस खबर में दी गई सभी जानकारियां और तथ्य मान्यताओं के आधार पर हैं. NEWS18 LOCAL किसी भी तथ्य की पुष्टि नहीं करता है.)
.Tags: Ayodhya News, Local18, Religion 18, SawanFIRST PUBLISHED : August 15, 2023, 19:48 IST



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