सर्वेश श्रीवास्तव, अयोध्या: सनातन धर्म में रक्षाबंधन का पर्व बहुत हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इस दिन का इंतजार बहन बेसब्री से करती है. इस दिन बहन अपने भाई के हाथों में कलाई बांधती है. उसके बदले में भाई अपने बहन को उसकी रक्षा करने का वचन देता है. रक्षाबंधन का पर्व हिंदू पंचांग के मुताबिक 30 अगस्त को है. इतना ही नहीं रक्षाबंधन का पर्व अयोध्या में विराजमान भगवान रामलला भी मानते हैं. इंसान के साथ-साथ भगवान को भी राखी बांधी जाती है.राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास बताते हैं कि भगवान रामलला के लिए जगन्नाथ पुरी से दो राखी आई है. इसे रक्षाबंधन के दिन भगवान राम के कलाई में बांधी जाएगी. अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बन रहा है. मंदिर निर्माण के साथ पूरे देश दुनिया के भक्त पहुंच रहे हैं और विराजमान प्रभु राम का भव्य दर्शन कर रहे हैं. तो वही भगवान रामलला के लिए रक्षाबंधन उड़ीसा के जगन्नाथ पुरी मंदिर से आया है. 30 अगस्त को भगवान रामलला को जगन्नाथ पुरी से आए राखी को बांधा जाएगा.राम और लक्ष्मण के लिए राखीउड़ीसा के जगन्नाथ मंदिर के पुजारी ने रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास को बीते दिनों भगवान राम और भैया लक्ष्मण के लिए दो राखी भेंट की है. इस राखी के साथ जगन्नाथ मंदिर का भगवा ध्वज भी है. जो रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास को समर्पित किया गया है.राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी अचार सत्येंद्र दास बताते हैं कि उड़ीसा जगन्नाथ मंदिर के पुजारी ने भगवान राम के लिए राखी दिया है..FIRST PUBLISHED : August 14, 2023, 08:59 IST
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