अंजलि सिंह राजपूत/लखनऊ. लखनऊ शहर के वीवीआईपी इलाके गोमती नगर में किसान बाजार है. जैसा इसका नाम है वैसी यहां की कहानी बिल्कुल भी नहीं है. यहां कोई किसान बाजार नहीं लगता है, बल्कि यहां बने हुए हैं बड़े-बड़े रेस्टोरेंट और छोटे होटल, जहां पर खाना-पीना इतना महंगा है कि एक मध्यम वर्गीय परिवार जितने रुपयों में अपने पूरे परिवार के सदस्यों का खाना पेट भर खाकर बाहर आ सकता है, उतने में यहां एक व्यक्ति का ही भरपेट खाना भी नहीं हो पाता.
यहां पर दो पराठे दही और अचार के साथ खाने में ही आपको कम से कम 2500 रूपए से लेकर 3000 रूपए तक देने होंगे. जबकि एक अदरक की चाय पीने के लिए ही 30 से 40 रूपए देने होंगे. यही नहीं चिकन टिक्का जो लखनऊ के दूसरे रेस्टोरेंट या फिर दुकानों पर 30 रूपए में मिलता है, उसकी कीमत यहां 400 रूपए है. यहां पर मैगी खाना कम से कम 50 रूपए से लेकर 60 रूपए तक खर्च करना है. जो खर्चा हम आपको बता रहे हैं यह सिर्फ एक व्यक्ति का है, जबकि अगर आपको पूरे परिवार को खाना खिलाना है तो उसके लिए कम से कम 6000 से लेकर आपके सात हजार रुपए तक यहां पर खर्च हो जाएंगे.
इसलिए महंगा है यहां पर सब कुछ
दरअसल किसान बाजार में ज्यादातर रेस्टोरेंट और दुकानें किराए पर हैं. उनका किराया 12000 से लेकर 25000 रूपए तक है. यही नहीं यहां जितने भी रेस्टोरेंट हैं, सभी ने ग्राहकों को अपनी ओर खींचने के लिए उसे खूबसूरत डिजाइन किया है. ऐसा लुक दिया है कि लोग आएं, सेल्फी लें वीडियो बनाएं और रील बनाएं, यही वजह है कि यहां पर खाना-पीना बेहद महंगा है.
रात को पानी की तरह बहती है दारू
किसान बाजार को लड़कियों के लिए शाम और रात में सुरक्षित नहीं माना जाता है, यहां पर शाम होते ही दारु पानी की तरह बहती है. सिगरेट पीते हुए अमूमन लोग आपको यहां नजर आ जाएंगे. सब कुछ खुलेआम होता है. इस वजह से भी यहां पर अच्छे घर के लोग जाना पसंद नहीं करते.
.FIRST PUBLISHED : August 03, 2023, 17:35 IST
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