One lock in Aligarh, the city of lock and training, provides employment to 200 people. – News18 हिंदी

admin

One lock in Aligarh, the city of lock and training, provides employment to 200 people. – News18 हिंदी



वसीम अहमद/अलीगढ़. ताला और तालीम के शहर अलीगढ़ में 30 ग्राम से 400 किलो तक के ताले बनते हैं. अलीगढ़ में 153 साल पहले पहला ताला बना था. 1870 में एक ब्रिटिश व्यापारी ने यहां आकर एक छोटी सी फैक्ट्री खोली. शुरुआत में ताले के पार्ट्स को इंग्लैंड से मंगा कर इसे फैक्ट्री में जोड़ते थे, जिसके बाद तालों को देश के अलग-अलग शहरों में बेचा जाता था. जैसे-जैसे तालों की डिमांड बढ़ने लगी, वैसे वैसे यह ताले देशभर में फेमस होने लगे.

तालों का कारोबार विकसित होने के बाद जॉनसन एंड कंपनी नाम से एक फैक्ट्री खोली गई, जिसके बाद तालों के पार्ट्स बाहर से नहीं मंगाए जाते थे, बल्कि सभी चीजें अलीगढ़ में ही तैयार होने लगीं. इसी दौरान ताला बनाने के लिए हजारों लोगों को ट्रेनिंग भी दी गई. शुरुआत में लोहे के ताले बनाए जाते थे, उसके बाद धीरे-धीरे पीतल, तांबा और एल्यूमीनियम के भी ताले बनने लगे.

छोटे-छोटे पार्ट्स को जोड़कर बनाए जाते मजबूत तालेताला बनाने वाले कारीगर रियाजुद्दीन बताते हैं कि हमारे यहां कई पीढ़ियों से ताला बनाने का काम होता आ रहा है. हमारे दादा के दौर में लोग गांव से साइकिल पर ताले रखकर गांव गांव बेचने जाते थे. इसी ताले के कारोबार से अलीगढ़ की एक बड़ी आबादी को रोजगार मिलता है. एक ताला तैयार होने के लिए 90 तरह के प्रोसेस से होकर गुजरता है और करीब 200 लोगों के हाथ से गुजरने के बाद ये बनता है.

पूरे विश्व में मशहूर हैं अलीगढ़ के तालेताला कारोबारी वसीम अहमद सलमानी बताते हैं कि अंग्रेजों के शासन काल से अब तक यहां अलीगढ़ में ताले का कारोबार बड़े पैमाने पर होता आ रहा है. जिस पर अलीगढ़ की एक बड़ी आबादी निर्भर करती है. अलीगढ़ में 5 ग्राम से लेकर 1 कुंटल तक का ताला भी तैयार किया जाता है. अलीगढ़ का ताला देश के आलावा विदेशों में भी एक्सपोर्ट किया जाता है. अलीगढ़ का ताला देश और विदेश में अपनी मजबूती के लिए जाना जाता है. जिसकी कीमत 150 से कई हज़ार तक की होती है.

सरकार भी कर रही मददमौजूदा वक्त में सरकार भी कई योजनाओं के द्वारा अलीगढ़ के ताले के कारोबार को बढ़ाने में ज़ोर दे रही है. फिलहाल यहां ताले का कारोबार अच्छे ढंग से चल रहा है. अलीगढ़ के शहरी इलाके में हर दूसरे घर में ताले का काम किया जाता है. करीब 200 लोगों के हाथ से गुजरने के बाद यहां ताला कंप्लीट होता है. यही ताला बहुत लोगों को रोजगार देता है.
.Tags: Aligarh news, Local18, Up news in hindiFIRST PUBLISHED : July 26, 2023, 22:56 IST



Source link