हाइलाइट्सआगरा और मथुरा स्थित प्रसिद्द शिव मंदिरों से 51 सांप जब्त किएजिनमें 49 कोबरा, एक अजगर और एक रैट स्नेक सीज़ किये गएआगरा. सावन के महीने में पूरे उत्तर भारत में शिव मंदिरों के बाहर हाथ में सांप लेकर सपेरे दिखना लोगों के लिए एक आम बात बन चुकी है. इस गैरकानूनी और क्रूर प्रथा पर रोकथाम के लिए वाइल्डलाइफ एसओएस ने उत्तर प्रदेश वन विभाग ने साथ मिलकर सोमवार के दिन आगरा और मथुरा स्थित प्रसिद्द शिव मंदिरों से 51 सांप जब्त किए, जो की सपेरों द्वारा इन मंदिरों के बाहर प्रदर्शित किए जा रहे थे. यह सपेरे भक्तों की आस्था का फायदा उठाने के लिए सांपों से भरी टोकरियों के साथ शहर भर में घूमते हैं.सपेरों द्वारा सांपों का प्रदर्शन पैसे कमाने के लिए किए जाते है. हर साल, हजारों सांपों को जंगल से पकड़ कर, बेरहमी से उनके दांत तोड़ दिए जाते हैं. फिर त्योहार से पहले महीनों तक भूखा रखा जाता है. सावन के महीने के दौरान बड़ी संख्या में भक्त मंदिरों में आते हैं, जिसका फायदा यह सपेरे सांपों की प्रदर्शनी कर उठाते हैं, जो की दंडनीय अपराध है.
शहर भर में इस क्रूर प्रथा के रोकथाम और इस तरह की अवैध गतिविधियों को बढ़ने से रोकने के लिए, वाइल्डलाइफ एसओएस और उत्तर प्रदेश वन विभाग ने सोमवार को आगरा और मथुरा में एंटी पोचिंग अभियान चलाया. 9 अलग-अलग मंदिर कैलाश, बालकेश्वर, मनकामेश्वर, राजेश्वर, रावली, भूतेश्वर, रंगेश्वर, गलतेश्वर और पृथ्वीनाथ से सपेरों से 51 सांप जब्त किए गए. शहर भर में इन सपेरों से कुल मिलाकर 51 सांप, जिनमें 49 कोबरा, एक अजगर और एक रैट स्नेक सीज़ किये गए. जब्त किये गए कोबरा सांप में से अधिकांश के दांत टूटे हुए हैं. सपेरों द्वारा उनकी विष ग्रंथियों को भी बेरहमी से निकाल दिया गया है. बचाए गए सांप भूखे, निर्जलीकरण, टूटे हुए दांत और यहां तक कि जीवाणु संक्रमण जैसी कई समस्याओं से पीड़ित हैं.
आदर्श कुमार, डीएफओ, आगरा ने कहा, “चूंकि यह सावन का महीना है, इसलिए हमने सपेरों के चंगुल से इन सांपों को बचाने के लिए मंदिरों पर यह अभियान चलाया. हमने 5 सदस्यीय टीम भेजी जिनके साथ वाइल्डलाइफ एसओएस टीम ने भी ऑपरेशन पूरा करने में हमारी मदद की.’
.Tags: Agra news, UP latest newsFIRST PUBLISHED : July 26, 2023, 11:14 IST
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