Swimming coach karamvir dagar awarded as Best coach in delhi ncr physical education | सरकारी नौकरी छोड़कर बच्चों को दी नई राह, स्विमिंग कोच कर्मवीर को मिला नेशनल अवॉर्ड

admin

Share



Swimming Coach Karamvir Dagar: गुरु बिन भव निधि तरइ न कोई… यूं तो ये दोहा भवसागर को लेकर है लेकिन हकीकत यही है कि गुरु के बिना जीवन में ऊंचाई हासिल नहीं की जा सकती. एक ऐसे ही दिल्ली-एनसीआर में स्विमिंग कोच हैं, जो बच्चों को तैराकी के नए गुर सिखाते हैं. बीते कई साल से यही सिलसिला जारी है और अब उन्हें सम्मान भी मिला है.
नेशनल अवॉर्ड से सम्मानितकर्मवीर डागर को दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में फिजिकल एजुकेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया ने नेशनल अवार्ड फॉर बेस्ट कोच से सम्मानित किया है. वह सीबीएसई स्पोर्ट्स और गेम्स कंपीटीशन-2019-20 में टेक्नीकल डेलीगेट भी रहे हैं. इतना ही नहीं, उन्होंने नेशनल गेम्स में बतौर अंपायर भी भूमिका अदा की है. साल 2016 में वर्ल्ड स्कूल गेम्स टीम के सेलेक्शन कमिटी के वह कोर मेंबर भी रहे हैं. 
2019 में छोड़ी सरकारी नौकरी
कर्मवीर डागर को साल 2017 में सरकारी नौकरी मिल गई थी लेकिन उन्होंने इसे अपने पैशन के लिए छोड़ दिया.  कर्मवीर ने जी न्यूज से एक्स्क्लूसिव बातचीत में कहा, ‘मुझे 2017 में साई-नेहरू स्टेडियम में हेड कोच के तौर पर सरकारी नौकरी मिल गई थी. मैंने 2 साल इसे किया लेकिन बाद में बच्चों (स्विमर्स) के कारण नौकरी छोड़ दी. दरअसल, तब बच्चों को दिल्ली से सोनीपत आना पड़ता था. इसमें काफी वक्त भी खराब होता था और फिर मेरा पैशन भी फॉलो नहीं हो पा रहा था.’
2012 में शुरू हुआ था कोचिंग करियर
साल 2012 में स्विमिंग से जुड़े कोचिंग कोर्स पूरे करने के बाद कर्मवीर का कोचिंग करियर साई सेंटर, तालकटोरा स्टेडियम से शुरू हुआ. करीब पांच साल तक उन्होंने नौकरी की लेकिन बाद में उन्होंने स्टेप बाय स्टेप स्कूल जॉइन कर लिया. यहां उन्होंने कई नए तैराकों को तैयार किया, जो आज भी राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीत रहे हैं.
वर्ल्ड स्कूल गेम्स में दिए मेडलिस्ट
कर्मवीर डागर सुबह 2:30 बजे उठ जाते हैं और ये शेड्यूल पिछले कई साल से ऐसे ही जारी है. उन्होंने बताया कि तड़के 4 बजे से वह बच्चों को कोचिंग देना शुरू कर देते हैं. कर्मवीर ने कई तैराकों को तैयार किया है. इनमें नेशनल मेडलिस्ट भी शामिल हैं. वहीं, वर्ल्ड स्कूल गेम्स में मेडलिस्ट भी कर्मवीर के मार्गदर्शन में तैयार हुए. विनायक परिहार, अंजलि नायर  और वेदांत सेठ ने वर्ल्ड स्कूल गेम्स में पदक जीते जो कर्मवीर के ही शागिर्द हैं.



Source link