आयुष तिवारी/कानपुर. पहाड़ों पर हो रही बारिश का असर कानपुर में भी दिखने लगा है. कानपुर में लगातार गंगा का जलस्तर बढ़ता जा रहा है. नरौरा बांध से छोड़ा गया गंगा का जलस्तर गंगा किनारे रह रहे लोगों के लिए खतरा बन गया है. गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 2.37 मीटर नीचे बह रहा है जबकि जलस्तर खतरे के निशान113 मीटर पर है. शुक्लागंज में गंगा का जलस्तर 110.63 मीटर तक पहुंच गया है.गंगा किनारे बसे मग्गनपुरवा गांव में कटान भी शुरू हो गई है. जिसके कारण गांव वालों की चिंताएं भी बढ़ गई हैं. कानपुर डाउनस्ट्रीम में गंगा का जलस्तर 112.31 मीटर तक पहुंच गया है. जो जलस्तर खतरे के निशान से महज 69 सेमी. दूर है. इसके बाद गांव में रहने वाले कई लोग घर छोड़कर दूसरी जगह पलायन कर चुके हैं. गंगा के जलस्तर को देखते हुए सिंचाई विभाग और प्रशासन ने गंगा के किनारे स्थित गांवों पर नजर रखना शुरू कर दिया है.नाविकों की प्रशासन से मांगगंगा का जलस्तर सरसैया घाट पर नाव चलाने वाले नाविक काफी परेशान है जो पूरे साल घाटों पर नाव चलाकर अपने परिजनों का पालन पोषण करते हैं. गंगा की रेत पर अपनी झोपड़ी बनाकर गुजर बसर करते हैं. वही गंगा का जलस्तर जिस तरीके से उफान पर है उन लोगों का रहना खतरे से खाली नहीं है. गंगा का जलस्तर बढ़ने से गंगा में बह कर जहरीले जीव-जंतु आ रहे हैं. वहीं गंगा किनारे रह रहे लोगों का कहना है हमको कहीं रहने और रुकने की व्यवस्था प्रशासन द्वारा कराई जाए. जिससे हम अपनी जान को सुरक्षित महसूस कर सके.डूब गया रेत का टीलाहरिद्वार और नरौरा बांध से छोड़ा गया हजारों क्यूसेक पानी अब गंगा बैराज पर पहुंच गया है. पानी का दबाव अधिक होने के कारण बैराज के सभी 30 गेटों को खोल दिया गया है. बता दें कि कुछ दिन पहले घाटों से दूर हुई गंगा अब फिर से अपने स्थान पर पहुंच गई हैं. सरसैया घाट से कुछ दूर बना रेत का टीला गंगा के पानी में डूबने लगा है. जिसके बाद वहां पर रहने वाले लोगों को आनन-फानन में झोपड़ी खाली करने को कहा गया है. वह अपनी गृहस्थी समेटने में जुट गए हैं..FIRST PUBLISHED : July 15, 2023, 22:28 IST
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