सनन्दन उपाध्याय/बलिया: समस्त धार्मिक स्थल का अपना अलग-अलग महत्व माना जाता है. जनपद बलिया के नरही थाना क्षेत्र अंतर्गत चौरा गांव में स्थित प्राचीन और प्रसिद्ध मठ जो श्रीनाथ बाबा मठ के नाम से जाना जाता है. यह श्रद्धालुओं के लिए आस्था का बड़ा केंद्र बन गया है. जिसके दर्शन करने दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं. ऐसा माना जाता है कि- श्रीनाथ बाबा से मांगी गई मुरादे जरूर पूरी होती हैं और श्रद्धालु अपने यथाशक्ति श्रीनाथ का पूजा-याचना करते हैं.मठ के मठाधीश बनने के बाद अगर मठाधीश की मृत्यु हो जाती है तो इसी मठ के परिसर में उनकी समाधि बना दी जाती है. मठ के निर्माण, महत्व और आस्था को लेकर मठाधीश अजीत बहादुर भारती का कहना हैं कि- इस मठ की स्थापना महान संत सारंग जटी के द्वारा किया गया था. प्राचीन समय में संत जटी इस गांव में आए थे, तब यह घनघोर जंगल हुआ करता था. मगर इस गांव के बाद कुछ आबादी थी. संत को आग की आवश्यकता पड़ी तो किसी तरह उपलब्ध कराया गया. आग का जब काम हों गया तो बची आग को जमीन के अंदर सुरक्षित रख कर संत चले गए.बारह संत समाधि लें चुके हैंमठाधीश अजीत बहादुर भारती ने बताया कि- बहुत दिनों बाद वही संत इसी गांव में वापस आए. उन्हें जब आग की आवश्यकता पड़ी तो लगा बहुत दूर जाना पड़ेगा. तो संत ने जहां आग को पहले रखा था, वही गए. वहां अब घास जम गई थी. इसके बाद जब उन्होंने उस जगह को खोदा तो आग उसी तरह थीं. तभी से वहां पूजा होने लगी और धीरे-धीरे यहां विशाल मठ की स्थापना हो गई. उन्होंने आगे कहा कि- मैं यहां तेरवा संत हूं. इतिहास में यहां बारह संत समाधि लें चुके हैं. लेकिन वर्तमान में चार संतों की ही समाधि स्थल मौजूद हैं.FIRST PUBLISHED : July 11, 2023, 12:31 IST
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