Sunil Gavaskar Controversy: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर आज अपना 74वां जन्मदिन मना रहे हैं. सुनील गावस्कर का जन्म 10 जुलाई 1949 को मुंबई में हुआ था. सुनील गावस्कर अपने क्रिकेट करियर के दौरान एक गलती की वजह से भारतीय फैंस के लिए सबसे बड़े विलेन बन गए थे. भारतीय दर्शकों को एक मैच के दौरान सुनील गावस्कर की पारी देखकर इतना गुस्सा आया कि वह मैदान पर ही उतर गए थे.
इस गलती के कारण विलेन बन गए थे गावस्करसाल 1975 में पहले वनडे वर्ल्ड कप की शुरुआत हुई थी. वनडे क्रिकेट तब नया था और क्रिकेटर टेस्ट खेलने के लिए जाने जाते थे. तब 60 ओवरों का वनडे मैच हुआ करता था. पहले वनडे वर्ल्ड कप का पहला मैच भारत और इंग्लैंड के बीच लॉर्ड्स में खेला गया. 7 जून 1975 को यह मैच क्रिकेट के मक्का कहे जाने वाले लॉर्ड्स में खेला गया. तब गर्मी का मौसम चल रहा था और पहले खेलते हुए इंग्लैंड ने 60 ओवरों में चार विकेट पर 334 रनों का बड़ा स्कोर खड़ा किया. यह उस समय वनडे क्रिकेट का सबसे बड़ा स्कोर भी था. इंग्लैंड की पारी में डेनिस एमिस (137) ने शतकीय और कीथ फ्लेचर (68) ने अर्धशतकीय योगदान दिया. इसके बाद क्रिस ओल्ड ने केवल 30 गेदों पर शानदार पचासा जड़ा.
गुस्से में मैदान पर उतर गए थे लोग
टूर्नामेंट में तब आठ टीमें थीं जिन्हें दो ग्रुप में रखा गया था, यानी एक हार अगले दौर की संभावनाओं को और क्षीण कर देती. ये तो सभी मान कर चल रहे थे कि भारत पहला मैच हार चुका है लेकिन तब टूर्नामेंट का फॉर्मेट ये था कि अगले दौर (सेमीफाइनल) में जाने के लिए अगर किसी दो टीमों के अंक बराबर रहेंगे तो जिस टीम का नेट रन रेट अच्छा होगा वो आगे जाएगी. यानी भारत को हार के बावजूद अधिक से अधिक रन बनाने की कोशिश करनी होगी. भारतीय पारी की शुरुआत करने वाले सुनील गावस्कर तो उस दिन बस अपनी ही धुन में थे. वो वनडे को टेस्ट की भांति खेलने लगे. भारतीय दर्शकों में निराशा फैलने लगी.
भारतीय दर्शकों में नाराजगी इतनी बढ़ गई
सुनील गावस्कर लगातार धीमी गति से खेले जा रहे थे और उधर भारतीय दर्शकों की नाराजगी इतनी बढ़ गई कि उनमें से कुछ तो फील्ड पर दौड़ते हुए उनके पास तक चले आए और उनका विरोध किया. उधर पवेलियन में बैठे गावस्कर की टीम के साथियों के चेहरे पर भी निराशा साफ झलक रही थी. मजेदार तो यह रहा कि गावस्कर ने इस पारी में 174 बॉल खेले और बगैर आउट हुए 36 रन ही बना सके. उनका स्ट्राइक रेट 20.69 रहा. उनकी इस पारी की बदौलत टीम इंडिया ने 3 विकेट के नुकसान पर केवल 132 रन ही बना सकी और 202 रनों से मैच गंवा दिया. इतने बड़े अंतर से मैच हारने का यह वर्ल्ड कप रिकॉर्ड बन गया जो अगले 27 सालों तक बना रहा.
गावस्कर टीम के चयन से नाखुश थे!
उस समय टीम इंडिया के मैनेजर जीएस रामचंद ने डेली एक्सप्रेस न्यूजपेपर से कहा, ‘मैंने आज तक जितने भी मैच देखे उनमें से यह सबसे शर्मनाक प्रदर्शन है. उसका कहना था कि विकेट शॉट लगाने के लिए बहुत स्लो थी. लेकिन इंग्लैंड ने इसी पिच पर 334 रन बनाए तो ऐसा कहना बेवकूफी है. टीम में निराशा है. देश की प्रतिष्ठा बहुत महत्वपूर्ण है जिसे इस तरह नहीं गंवाया जा सकता.’ कुछ लोगों की समझ में यह आया कि भारतीय टीम इंग्लैंड की पारी के बाद यह मान चुकी थी कि वो जीत नहीं सकती और लॉर्ड्स में इससे पहले खेले गए अंतिम मैच में पूरी टीम 42 रनों पर आउट हो गई थी तो संभवतः टीम सस्ते में ऑल आउट होने से बचना चाहती थी.अफवाहों का बाजार वहीं इस पारी के बाद अफवाहों का बाजार भी गर्म हो गया कि गावस्कर टीम के चयन से नाखुश थे.
गावस्कर से किसी साथी खिलाड़ी ने बात तक नहीं
वर्ल्ड कप के लिए चयन समिति ने तेज गेंदबाजों की तुलना में स्पिनरों को तरजीह दी और यही गावस्कर की नाराजगी की वजह थी, क्योंकि पिछले इंग्लैंड दौरे में स्पिनर्स बुरी तरह नाकाम रहे थे. एक और अफवाह यह भी थी कि वो वेंकटराघवन के कप्तान चुने जाने से नाखुश थे. गावस्कर ने उस समय तो इस पारी के बारे में कुछ भी सार्वजनिक रूप से नहीं कहा लेकिन कई सालों के बाद उन्होंने भी यह माना कि वो उनके जीवन की सबसे घटिया पारी थी लेकिन साथ ही उन्होंने इसका कारण ‘आउट ऑफ फॉर्म’ होना बताया. गावस्कर ने कहा कि मैच के दौरान उन्होंने आउट होने की कोशिश भी की लेकिन आउट नहीं हो सके. टीम के अन्य साथियों ने भी गावस्कर की इस पारी पर आश्चर्य व्यक्त किया और जब मैच के बाद गावस्कर ड्रेसिंग रूम में पहुंचे तो उनसे किसी साथी खिलाड़ी ने बात तक नहीं की. सुनील गावस्कर ने अपने करियर में 125 टेस्ट मैचों में 10,122 रन बनाए, जिसमें 34 शतक और 45 अर्धशतक शामिल रहे. सुनील गावस्कर के नाम टेस्ट मैचों में 34 शतक और 45 अर्धशतक दर्ज हैं. सुनील गावस्कर ने 108 वनडे इंटरनेशनल में 3092 रन बनाए थे.