नवाबगंज. शुक्रवार को कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर पीएम मोदी ने तीनों कृषि कानून वापस लेने का फैसला किया. इस पर किसान संगठन खुशी मना रहे हैं तो विपक्ष अपना राग अलाप रहा है. वहीं सरकार भी अपना पक्ष रख रही है. इस कड़ी में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा है कि किसानों को अपने कल्याण का यह बिल समझ नहीं आया. यह कानून किसानों के हितों के लिए था, लेकिन कुछ लोग अपनी बात पर बेवजह अड़े रहे, जिसके कारण इस कानून को वापस लेना पड़ा.
दरअसल समाज कल्याण मंत्री की भतीजी के वैवाहिक समारोह में शुक्रवार को दिग्गजों का जमावड़ा रहा. सूबे के तमाम काबीना मंत्री, सांसद और अन्य हस्तियों ने इस समारोह में शिरकत की. इसी क्रम में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही भी समाज कल्याण मंत्री के घर मांगलिक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे. लखनऊ से गोंडा के नवाबगंज पहुंचे कृषि मंत्री ने पत्रकारों से बातचीत में कृषि कानून बिल वापस लेने पर पर अपना साफ मत रखा. उन्होंने कहा सिर्फ एक वर्ग ही किसान आंदोलन कर रहा था. पूरे देश में कृषि कानून बिल पर आंदोलन नहीं हो रहा था. पीएम मोदी ने तमाम लोगों से संवाद स्थापित करने के बाद उदारतापूर्वक किसान बिल वापस लिया है. कुछ लोगों की हठधर्मिता के चलते पीएम ने यह बिल वापस लिया है.
अच्छी थी पीएम मोदी की मंशा
कानून को लेकर शाही ने कहा कि पीएम मोदी लागातर किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्रयासरत थे और उसी के लिए यह बिल लाया गया था लेकिन आम सहमति के बाद किसान बिल वापस लेने का फैसला लिया गया है. मंत्री ने कहा कि पीएम ने देशवासियों से माफी मांगते हुए किसान बिल वापस लिया है. इस पर डेढ़ साल से आंदोलन चल रहा था और तमाम चर्चाओं के बाद भी जब आंदोलनकारी नहीं माने तो बिल को वापस ले लिया गया वहीं मंत्री ने स्पष्ट किया की अगले लोकसभा सत्र में किसान बिल वापस लेने का प्रस्ताव आएगा. किसानों के जीवन में खुशहाली लाने और उनका जीवन स्तर उठाने का लगातार प्रयास चलता रहेगा.
विवाह समारोह में शामिल होने के बाद कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही देवरिया के लिए रवाना हो गए.पढ़ें Hindi News ऑनलाइन और देखें Live TV News18 हिंदी की वेबसाइट पर. जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड, खेल जगत, बिज़नेस से जुड़ी News in Hindi. हमें Facebook, Twitter, Instagram और Telegram पर फॉलो करें.Tags: BJP Leader, Farm laws, Luckcnow, PM Modi
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