भारतीय क्रिकेट में हुआ बड़ा फेरबदल, देश की भलाई के लिए इस दिग्गज क्रिकेटर को अचानक देना पड़ गया इस्तीफा| Hindi News

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Indian Cricket News: भारतीय क्रिकेट में बड़ा फेरबदल हुआ है. देश की भलाई के लिए एक दिग्गज क्रिकेटर को अचानक अपने पद से इस्तीफा देना पड़ गया है. भारत के दिग्गज तेज गेंदबाज अजित अगरकर ने दिल्ली कैपिटल्स आईपीएल टीम में सहायक कोच के पद से इस्तीफा दे दिया है. अजित अगरकर भारतीय क्रिकेट टीम के नए चीफ सेलेक्टर बनने की दौड़ में सबसे आगे हैं. अजित अगरकर अब देश के टैलेंटेड क्रिकेटरों की किस्मत बदलेंगे और उन्हें टीम इंडिया में खेलने का मौका देंगे. 
भारतीय क्रिकेट में हुआ बड़ा फेरबदलअजित अगरकर का नाम दौड़ में होने से BCCI को सेलेक्शन कमिटी के चीफ सेलेक्टर का सालाना वेतन एक करोड़ से बढ़ाना होगा, जबकि बाकी सदस्यों का वेतन भी 90 लाख से अधिक करना होगा. दिल्ली कैपिटल्स के सहायक कोच और कमेंटेटर अजित अगरकर चीफ सेलेक्टर के सालाना पैकेज से अधिक कमाते हैं और यही कारण है कि बीसीसीआई को मौजूदा वेतनमान की समीक्षा करनी पड़ेगी.
देश की भलाई के लिए अचानक देना पड़ गया इस्तीफा
अजित अगरकर के अब दिल्ली कैपिटल्स टीम छोड़ने की खबर से यह साफ हो गया कि वह वेस्टइंडीज के आगामी दौरे के लिए टी20 टीम चुनते समय चीफ सेलेक्टर हो सकते हैं. दिल्ली कैपिटल्स ने इसकी पुष्टि की कि अगरकर और शेन वॉटसन अब सहयोगी स्टाफ का हिस्सा नहीं हैं. टीम ने ट्वीट किया, ‘आपके लिए यह हमेशा घर रहेगा. धन्यवाद अजित और वाट्टो (वॉटसन). भविष्य के लिए शुभकामनाएं.’
भारत के लिए 221 इंटरनेशनल मैच खेल चुके
अजित अगरकर 2021 में भी चयनकर्ता के पद के लिए इंटरव्यू दे चुके हैं, जब उत्तर क्षेत्र से चेतन शर्मा समिति के अध्यक्ष बने थे. दिवंगत रमाकांत आचरेकर के शिष्य रहे 45 साल के अजित अगरकर भारत के लिए 191 वनडे, 26 टेस्ट और चार टी20 मैच खेल चुके हैं. समझा जाता है कि उस समय मुंबई क्रिकेट संघ को अगरकर की दावेदारी से समस्या थी और यही वजह है कि उन्हें नहीं चुना गया. इसके अलावा उन्हें चुनने पर चेतन शर्मा अध्यक्ष नहीं बनते जिन्हें बोर्ड के एकवर्ग का समर्थन हासिल था. 
रवि शास्त्री के नाम की भी अटकलें
एमसीए के मौजूदा पदाधिकारियों को अब दिक्कत नहीं है, क्योंकि उनके पास सलिल अंकोला हैं. दिलीप वेंगसरकर और रवि शास्त्री के नाम की भी अटकलें लगाई जा रही है लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है कि उन्होंने आवेदन किया है या नहीं. वेंगसरकर 2005 से 2008 तक अध्यक्ष रह चुके हैं और अधिकतम कार्यकाल चार साल का होता है यानी उनके पास एक ही साल बचा है.



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