चित्रकूट में एक ऐसा स्थान जहां से उठाया एक भी पत्थर तो रखने आना पड़ेगा वापस, जानें क्या है मान्यता

admin

चित्रकूट में एक ऐसा स्थान जहां से उठाया एक भी पत्थर तो रखने आना पड़ेगा वापस, जानें क्या है मान्यता



धीरेन्द्र शुक्ला/चित्रकूट : चित्रकूट में एक ऐसा स्थान है, जहां से यदि आप एक पत्थर भी उठा ले गए तो आपको उसको रखने के लिए उसी स्थान में पुनः वापस आना पड़ेगा. इस स्थान की मान्यता इतनी बड़ी है कि यहां से कोई भी व्यक्ति यदि छोटा सा पत्थर भी ले जाए तो उसको रात्रि में सपना आने के बाद उसको पुनः उसी स्थान में पहुंचाने के लिए आना पड़ता है.

ऐसी मान्यता 15वीं शताब्दी से लगभग चली आ रही है और आज कलयुग में भी देखी जा रही है. पूरा जंगल खंडहर में तब्दील है. इस जंगल में आज भी दैवी शक्तियों का बोलबाला बना रहता है. इस जंगल से आज तक कोई भी एक वस्तु उठाता नहीं है क्योंकि यहां पर दैवी शक्तियों का साफ संदेश है कि यहां का कोई भी एक वस्तु कहीं भी नहीं जाना चाहिए,क्योंकि इसके पीछे की कहानी बड़ी दिलचस्प है.

15वीं सदी में दरी नामक पुरातन शहर थाचित्रकूट की मऊ तहसील के अंतर्गत आने वाले गढ़वा पूरब पताई गांव के घनघोर जंगल में स्थित परानु बाबा आश्रम के पास जंगल स्थापित है. यहां 15वीं सदी में दरी नामक पुरातन शहर हुआ करता था. जहां पर बघेल वंश के ठाकुर राजाओं साम्राज्य हुआ करता था और बड़ी-बड़ी आलीशान हवेली हुआ करती थी. इस पुरातन शहर को ठाकुरों के शहर के नाम से भी जाना जाता था, क्योंकि यहां पर बघेल ठाकुरों की आबादी थी

कलयुग में भी कोई नहीं उठा सकता है पत्थरचित्रकूट के परानु बाबा के पुजारी व संत मुरली वाले बाबा ने बताया कि प्रयागराज से दो भक्त चित्रकूट आए हुए थे. उन्होंने मुझसे कहा कि बाबा परानू बाबा कि हम रोज पूजा करना चाहते हैं. हमें दो पत्थर दे दीजिए ताकि हम घर में पूजा पाठ कर लिया करेंगे.

जंगल से दो पत्थर उठाकर भक्तों को शौप दिया.भक्तों द्वारा उन दोनों पत्थरों को लेकर अपने घर वे चले गए. जिसके बाद रात्रि में उनका पेट दर्द बुखार जैसी अनेक समस्याएं पैदा होने लगी. उसके साथ साथ संत को भी बड़ी समस्याएं पैदा होने लगी. यह लगातार दो दिन तक भक्त और संत के बीच समस्याओं का पहाड़ लगा रहा.

परानु बाबा के जंगल में ले जाकर रख दियारात्रि में भक्त को सपना आया इन दोनों पत्थरों को उठाकर जिस स्थान से लाया गया था उसी स्थान पर पहुंचा दिया जाए. जिसके बाद आप सही हो सकते हैं.उसी तरह उस भक्तों ने शुक्रवार का दिन था और ले जाकर के चित्रकूट के परानु बाबा के जंगल में रख दिया. जिसके बाद उस भक्त को और संत को दोनों को शांति मिली है. तब से लोगों को जानकारी जंगल के विषय में हुई क्योंकि कहा जाता है कि जंगल में जब बघेल वंश के राजा राज्य करते थे. तब वह लोग भी यहां से एक पत्थर उठाकर नहीं ले जा पाए थे.
.Tags: Chitrakoot News, Dharma Aastha, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : June 26, 2023, 17:01 IST



Source link