Gorakhpur Street Food : असुरन के बुढऊ दादा की सत्तू है खास, मसालों की वजह से बनी पहचान, स्वाद ने बनाया सभी को दीवाना

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Gorakhpur Street Food : असुरन के बुढऊ दादा की सत्तू है खास, मसालों की वजह से बनी पहचान, स्वाद ने बनाया सभी को दीवाना



रजत भट्ट/गोरखपुर. गोरखपुर में गर्मी से लोग परेशान है . भीषण गर्मी का मौसम आ चुका है ,और इस कड़ी धूप में अगर आप भूखे पेट घर से बाहर निकलते है तो आपको लू लगने की संभावनाए अधिक होती है. ऐसे में सत्तू आपके सेहत औऱ भूख मिटाने का सर्वोत्तम उपाय है.गोरखपुर के असुरन पर बुढऊ काका के सत्तू का हर कोई दीवाना है. दुकान खोलते ही लोगों की भीड़ लग जाती है और 15 रुपए गिलास वाले सत्तू का लोग कड़कती धूप में आनंद उठाते हैं. दुकान गोरखपुर के असुरन पर रेलवे कारखाना के सामने है. रेल के कई कर्मचारी भी यहां आकर सत्तू का लुफ्त उठाते हैं.

गर्मी के दिनों में सत्तू काफी फायदेमंद होता है. दुकानदार रंगीलाल ने बताया कि सत्तू की तासीर ठंडी होती है. इसलिए गर्मी के मौसम में इसका सेवन करने से लू और डिहाइड्रेशन की समस्या नहीं होती है. इसके साथ साथ सुबह नाश्ते के रूप में सत्तू का सेवन करने पर यह दोपहर तक भूख नहीं लगने देता है. खासकर डायबिटीज रोगियों के लिए सत्तू काफी फायदेमंद माना जाता है. चने का शुद्ध सत्तू शरीर के पाचन क्रिया को भी मजबूत रखता है.

10 साल पुरानी है दुकानरंगीलाल बताते हैं 10 से 12 साल पुरानी यह दुकान वह चला रहे हैं. उनके यहां सत्तू में सबसे ज्यादा पसंद लोग उनके मसाले करते हैं. 5 से 6 मसालों के मिक्सर से यह मसालों का पाउडर रंगीलाल तैयार करते हैं. सत्तू बेचने वाले दुकानदार रंगीलाल बताते है कि वे चने का सत्तू घोल कर पिलाते है. दिन भर में 15 से 20 किलो सत्तू की खपत होती है. इसके अलावे लूज सत्तू की भी मांग रहती है. जो कि 120 रुपये किलो है. रोजाना करीब-करीब 10 किलो लूज सत्तू भी बिक जाता है. गोरखपुर के असुरन पर रेलवे कारखाना के सामने दुकानदार बताते हैं कि वह घर में ही सत्तू को तैयारी करते हैं. जो पूरी तरह से शुद्ध चने का होता है.जिसमें प्याज़, नीबू, भुना हुआ जीरा का पाउडर, हरि मिर्च, धनिया की चटनी भी मिलाया जाता है. सत्तू का ग्लास 15 रुपये है.

बाजार से नहीं खरीदते सत्तूरंगीलाल बताते हैं कि दुकान पर लोगों की भीड़ इसलिए लगती है क्योंकि सारा प्रोडक्ट को अपने हाथ से ही तैयार करते हैं. वह सत्तू भी बाजार से नहीं लाते. वहीं पिछले 7 साल से उनके यहां सत्तू पीने वाले महेंद्र बताते हैं कि सब कुछ तो ठीक है लेकिन इनके मसाले का कोई जवाब नहीं. सत्तू पीते वक्त अगर इनके मसाले ना हो तो शायद कोई इनके सत्तू को उतना पसंद ना करें. इनके मसाले ही सत्तू में जान डालते हैं.यही वजह है कि 10 रुपये गिलास को 15 करने के बाद भी इनके यहां भीड़ लगी रहती है.
.Tags: Street Food, Uttar Pradesh News Hindi, गोरखपुरFIRST PUBLISHED : June 25, 2023, 14:33 IST



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