Asia Cup-2023, India vs Pakistan: एशिया कप को लेकर रस्साकशी गुरुवार को खत्म हो गई. अब ये महाद्वीपीय टूर्नामेंट केवल पाकिस्तान में नहीं खेला जाएगा. इस चैंपियनशिप के लिए पाकिस्तान के अलावा एक और देश को चुना गया है. इसे बीसीसीआई की बड़ी जीत माना जा रहा है. कहानी अभी बाकी हैलाइव टीवी
पाकिस्तान ने टेके घुटनेएशिया कप-2023 की मेजबानी को लेकर बीते कुछ वक्त से विवाद चल रहा था. अब गुरुवार 15 जून को इस टूर्नामेंट की तारीखों का ऐलान हो गया, जिसका आगाज 31 अगस्त से होगा. एशिया कप का फाइनल मैच 17 सितंबर को खेला जाएगा. हालांकि लोग शेड्यूल से ज्यादा ये जानने को बेताब थे कि ये टूर्नामेंट किस देश में खेला जाएगा. आपको बता दें कि एशिया कप की मेजबानी पाकिस्तान के पास है, लेकिन जीत भारत और उसके क्रिकेट बोर्ड यानी बीसीसीआई की हुई.
वर्ल्ड क्रिकेट में भारत का दबदबा
बीसीसीआई ने एकबार फिर साबित कर दिया कि भारत का वर्ल्ड क्रिकेट में कितना ज्यादा दबदबा है. एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) के अध्यक्ष की गद्दी पर फिलहाल जय शाह काबिज हैं. वह बीसीसीआई में सचिव की भूमिका भी निभा रहे हैं. एसीसी ने पाकिस्तान की ओर से प्रस्तावित हाइब्रिड मॉडल को मंजूरी तो दे दी, लेकिन टूर्नामेंट के सिर्फ 4 मैच ही उसकी मेजबानी में होंगे. फाइनल समेत बाकी 9 मैच श्रीलंका की मेजबानी में खेले जाएंगे.
भारतीय टीम नहीं जाएगी पाकिस्तान
भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते अच्छे नहीं हैं, ये सभी जानते हैं. ऐसे में बीसीसीआई ने साफ तौर पर कहा था कि उसकी टीम पाकिस्तान नहीं जाएगी. अब ये बात भी सही साबित हो गई. दरअसल, भारतीय टीम एशिया कप के लिए पाकिस्तान नहीं जा रही है. उसके सभी मैच श्रीलंका की मेजबानी में खेले जाएंगे. दिलचस्प है कि श्रीलंका वही देश है, जिसकी टीम बस पर पाकिस्तान में आतंकवादी हमला हुआ था. तब से पाकिस्तान का दौरा करने में सभी देश कतराने लगे.
पाकिस्तान की गीदड़-भभकी
जब बीसीसीआई ने आपत्ति जताई कि भारतीय खिलाड़ी पाकिस्तान नहीं जाएंगे तब पीसीबी ने भी धमकी देना शुरू कर दिया. मामला आईसीसी के पास तक पहुंचा लेकिन साफ तौर पर कह दिया गया कि वनडे वर्ल्ड कप भारत में ही खेला जाएगा. ऐसे में अगर पाकिस्तान को इस आईसीसी टूर्नामेंट में खेलना है तो भारत जाना ही पड़ेगा. इसी को देखते हुए पाकिस्तान ने आखिर में हाइब्रिड मॉडल की पेशकश की. तब पाकिस्तान ने कहा था कि भारत अपने मैच यूएई में खेल सकता है.
मॉडल तो माना लेकिन शर्तों के साथ
पाकिस्तान ने जो दांव फेंका, उसमें कई गड़बड़ी थी. दरअसल, सितंबर-अक्टूबर में दुबई का मौसम काफी गर्म रहता है. जब पीसीबी ने यूएई को सह-मेजबान बनाने की बात कही तो यही आड़े आ गया. अरब की गर्मी को देखते हुए भारत समेत दूसरे देशों ने इस प्रस्ताव को मानने से इनकार कर दिया था. उनका कहना था कि वर्ल्ड कप ईयर में दुबई की गर्मी प्लेयर्स को परेशान कर सकती है. बाद में एसीसी चीफ जय शाह की अध्यक्षता में बैठक हुई, तब हाइब्रिड मॉडल को शर्तों के साथ मंजूरी दे दी गई.