अमित सिंह/प्रयागराज. वैसे तो मुख्यतः नवरात्रि वर्ष में दो बार ही मनाई जाती है, लेकिन अन्य दो गुप्त नवरात्रि का भी अपना महत्त्व है. आषाढ़ माह के 19 जून से इस बार गुप्त नवरात्रि की शुरुआत हो रही है. खास बात यह है कि गुप्त नवरात्रि में तंत्र मंत्र विद्याओं को जागृत किया जाता है यानी विद्वान तांत्रिक विशेष रूप से माता के नौ स्वरूपों की पूजा करते हैं. हालांकि अन्य भक्त भी अर्चना कर सकते हैं. जहां उन्हें धन, ज्ञान और समृद्धि की प्राप्ति होती है. ये बातें प्रयागराज के आचार्य लक्ष्मी कांत शास्त्री ने कहीं.
आचार्य लक्ष्मी कांत शास्त्री ने बताया कि सनातन धर्म मे माता दुर्गा को संकट का निवारण करने वाली के रूप में जाना जाता है. इसीलिए भक्त उनकी कृपा पाने के लिए उनकी पूजा करते हैं. ऐसा माना जाता है कि गुप्त नवरात्रि में पूजन करने से व्यक्ति को रिद्धि और सिद्धि की प्राप्ति होती है.
इन स्वरूपों की होती है पूजा
लक्ष्मी कांत शास्त्री ने गुप्त नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के जिन रूपों की पूजा होती है, उसके बारे में बताया कि वे रूप इस प्रकार हैं – मां कालिके, तारा देवी, त्रिपुरा सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता चित्रमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां धूम्रवती, माता बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी. इन्हीं रूपों की गुप्त नवरात्रि के दौरान पूजा की जाती है.
.Tags: Allahabad news, Dharma Aastha, Local18, Religion 18FIRST PUBLISHED : June 15, 2023, 10:19 IST
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