हरिकांत शर्मा/आगरा. लोहामंडी जटपुरा-खातीपाड़ा स्थित प्राचीन श्री रामचंद्र जी का मंदिर आज अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ते-लड़ते धीरे-धीरे गुम हो रहा है. क्षेत्रीय लोगों के अनुसार इसकी स्थापना अकबर के नवरत्नों में एक टोडरमल द्वारा की गई थी. एएसआई (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग) द्वारा 1991 में मंदिर की सभी मूर्तियों का सर्वेक्षण किया गया, जो 300 से अधिक वर्ष पुरानी थीं. लेकिन यह कीमती मूर्तियां अब चोरी हो चुकी है.लगभग 15 दिन पहले मंदिर के भीतर से अष्ट धातु और कुछ पत्थर की मूर्तियां चोरी हुई है. स्थानीय निवासी और मंदिर कमेटी के लोगों ने थाना लोहामंडी में भी इस पूरी घटना की तहरीर दी है. 15 दिन बीत गए लेकिन अभी तक कोई भी सुराग पुलिस के हाथ नहीं लगा है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस पूरे मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है. जबकि यह लोगों की आस्था से जुड़ा हुआ विषय है.मंदिर से होती है आकर्षक झांकी की शुरुआतआगरा का परंपरागत ऐतिहासिक दशहरा जो कि पूरे देश में मशहूर है का आरंभ प्रभु श्री राम के मंदिर से शुरू होता है और उसके बाद वह नगर भ्रमण होते हुए रावण के पुतले के दहन के साथ समाप्त होता है. मंदिर से आयोजित होने वाला दशहरा आगरा की प्रसिद्ध राम बारात से भी ज्यादा प्राचीन है. लोगों का कहना है कि पहले यहां दशहरा पर डोले निकाले जाते थे. इसके बाद बैलगाड़ियों में और अब आधुनिक आकर्षक झांकियां दशहरे पर निकल जाती हैं.किरायेदारों ने किया मंदिर पर कब्जाश्रीरामचंद्र का यह मंदिर करीब 3000 गज के क्षेत्र में फैला हुआ था, लेकिन समय के साथ-साथ इसके अधिकतर भाग पर 30 से 40 साल से किराएदारों ने कब्जा कर रखा है. वहीं, धीरे-धीरे मंदिर की तमाम प्राचीन और कीमती मूर्तियां भी गायब हो चुकी हैं. लोगों का कहना है कि मंदिर के नाम से ही राजा मंडी बाजार और किनारी बाजार में बहुत सी दुकान हुआ करती थी लेकिन वह भी बेच दी गई है. हालांकि पहले इन्हीं दुकानों से मंदिर का खर्चा चला करता था.मंदिर के आस-पास विशेष धर्म का दबदबामंदिर कमेटी के सदस्य व स्थानीय निवासी दिनेश पाठक का आरोप है कि मंदिर में पूजा-पाठ करने आने वाले भक्तों से दुर्व्यवहार किया जाता है. महिलाओं के साथ बदसलूकी की जाती है. उन्हें पूजा करने से रोका जाता है. यह सब कोई और नहीं बल्कि मंदिर परिसर में कब्जा करके बैठे किराएदार और असामाजिक तत्व कर रहे हैं. किराएदार पूरे मंदिर पर अपना हक जमा रहे हैं. मंदिर से आने वाली आमदनी को भी हड़प रहे हैं. यहां तक की मूर्ति गायब करने का शक भी उन्हीं के ऊपर है. आसपास का माहौल भी ठीक नहीं है. विशेष धर्म के लोगों का बोलबाला है.मूर्तियों की चोरी पर पुलिस का मौनदिनेश पाठक का आरोप है कि लगभग 15 दिन पहले मूर्तियां चोरी हुई है. क्षेत्रीय लोगों ने लोहामंडी थाने में तहरीर देकर चोरी हुई मूर्तियों की जानकारी दी, मगर पुलिस भी मामले को रफा दफा करने की नीयत से सिर्फ दोनों पक्षों से मिल बैठकर बैतचीत करने की ही सलाह देती नजर आ रही है. 15 दिन बीत जाने के बावजूद भी पुलिस के हाथ खाली हैं. ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि आखिर लोगों की आस्था से जुड़े हुए मामले को लेकर पुलिस गंभीर क्यों नहीं है? आखिरकार मूर्तियां किसने और क्यों चुराई है? इन सवालों से पर्दा पुलिस अभी तक नही उठा पाई है..FIRST PUBLISHED : May 28, 2023, 19:51 IST
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