अंजली शर्मा / कन्नौज. इत्र और इतिहास की नगरी कन्नौज की भाषा और साहित्य को सहेजने के लिए नई पहल शासन के द्वारा जल्द की जाएगी. लोग कन्नौज साहित्य के बारे में जाने और समझे इसके लिए प्रशासन जून महीने में कन्नौजी साहित्य महोत्सव का आयोजन करने जा रहा है. इसमे देश भर के साहित्यकार और कवि हिस्सा लेंगे. कन्नौजी भाषा पर शोधकर्ता अपना शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे.
आधुनिकता के दौर में इत्र और इतिहास की क्षेत्रीय भाषा दम तोड़ती नजर आ रही है. इसे संजीवनी देने के लिए प्रशासन ने प्रयास शुरू कर दिया है. जिला प्रशासन की ओर से कराए जा रहे कन्नौजी साहित्य महोत्सव कराया जाएगा. इसमें कन्नौजी भाषा में कविताएं और कहानियां लिखने वाले कवि और लेखक भाग लेंगे. इसके साथ ही कन्नौज भाषा पर शोध करने वाले छात्र प्रवक्ता भी शामिल होंगे.
लुप्त होती भाषा को जीवन देने का प्रयास
जिलाधिकारी शुभ्रांत शुक्ला ने बताया कि कार्यक्रम की तैयारी चल रही है. इसमें कई लोगों को आमंत्रित किया जाएगा. कन्नौजी साहित्य सम्मेलन में कन्नौजी भाषा पर चर्चा होगी. क्योंकि कन्नौज बहुत प्राचीन रहा है, इसलिए यहां की प्राचीनता को सबके सामने लाने के लिए यह महोत्सव कराया जाएगा. इसमें कन्नौज की भाषा में ही सभी लोग अपनी अपनी प्रस्तुति देंगे.
कन्नौज का इतिहास है बहुत प्राचीन
कवि आर एस कठेरिया ने बताया कि इस तरह के कार्यक्रम होने से हमारे जिले की पहचान और आगे आएगी कन्नौजी भाषा में महोत्सव बहुत ही भव्य होगा. इतिहासकार सुशील राकेश बताते है कन्नौज का नाम वेदों- पुराणों में आता है. जिससे यह पता चलता है कि कन्नौज का इतिहास बहुत प्राचीन है. ऐसे में आज के दौर में कन्नौज भाषा विलुप्त होती जा रही है. जिसके लिए यह कन्नौजी भाषा महोत्सव अम्रत का काम करेगा.
.Tags: Kannauj news, Language, Latest hindi news, News18 uttar pradesh, Uttar pradesh newsFIRST PUBLISHED : May 28, 2023, 15:16 IST
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