कृष्ण गोपाल द्विवेदी/बस्ती. प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में मरीजों को त्वारित उपचार के लिए ट्रामा सेंटर की व्यवस्था की गई है. जिससे गंभीर रूप से घायल मरीजों का जल्द इलाज करके उनकी जान बचाई जा सके. लेकिन बस्ती जनपद के जिला हॉस्पिटल में स्थित ट्रॉमा सेंटर में मरीजों को बेहतर उपचार नहीं मिल पा रहा है. कारण यहां के ट्रामा सेंटर में न तो मरीजों के लिए एक्सरे की व्यवस्था है. न तो सीटी स्कैन की और न ही यहां पर पर्याप्त चिकित्सक हैं. जिसके कारण मरहम पट्टी के बाद गम्भीर मरीजों को यहां से रेफर कर दिया जाता है.बस्ती जनपद के जिला अस्पताल में स्थित ट्रामा सेंटर में संसाधनों के साथ ही डॉक्टरों की भी भारी कमी है. जहां ट्रामा सेंटर में एक्सरे, सीटी, ओटी सहित सभी के कमरे बने हैं. लेकिन जब न्यूज़ 18 ने इसकी पड़ताल की तो सभी जगह ताला ही लटका मिला. ट्रामा सेंटर में सिर्फ हल्के फुल्के चोट लगे मरीजों का ही इलाज होता है. बाकी मरीजों को गोरखपुर, लखनऊ मेडिकल कालेज के लिए रेफर कर दिया जाता है.एक्सरे रूम में लटक रहा था तालाजिला अस्पताल में स्थित ट्रॉमा सेंटर में डॉक्टरों की भी भारी कमी है. ट्रॉमा सेंटर में दो की जगह मात्र एक ही सर्जन तैनात हैं एनेस्थीसिया के लिए यहां पर कोई डॉक्टर तैनात ही नहीं है. जबकि ट्रॉमा सेंटर में दो एनेस्थीसिया के डॉक्टर की जरूरत है.तीमारदार मनोज कुमार ने बताया कि मैं अपने मरीज को ट्रॉमा सेंटर में लेकर गया था. जहां मरीज का मरहम पट्टी तो कर दिया गया. लेकिन चेस्ट एक्सरे के लिए कैम्पस में दूसरी जगह जानें को कहा गया. ट्रॉमा सेंटर स्थित एक्सरे रूम में ताला लटका है और जब हम लोग वहां गए तो काफी भीड़ थी. लिहाज मैंने अपने मरीज का एक्सरे बाहर से करवा दिया.डॉक्टरों की कमी को दूर करने का हो रहा प्रयासएसआईसी डॉ अलोक वर्मा ने बताया कि एक्सरे के लिए हम लोग वैकल्पिक व्यवस्था कर रहे हैं. मरीज आने पर एक्सरे टेक्नीशियन ट्रॉमा सेंटर में जाकर मरीज का एक्सरे करेंगे. हमारा प्रयास है की हम जल्द ही सीटी और एक्सरे को भी चालू करेंगे. साथ ही डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए शासन से पत्राचार किया गया है..FIRST PUBLISHED : May 27, 2023, 23:00 IST
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