नितिन गौतम/मथुरा. मथुरा-वृंदावन का नाम जहां आता है, वहां भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी का स्मरण होता है. देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया से भक्त यहां मन में आस्था और सच्ची श्रद्धा के साथ पहुंचते हैं. ये वही स्थान है जहां भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ और उनका बचपन बीता. यहीं पर भगवान ने प्रेम और भक्ती के साथ जिन्दगी जीने का संदेश दिया.कृष्ण की नगरी मथुरा वृंदावन अब धार्मिक महत्व के साथ- साथ मुख्यमंत्री योगी की पहल पर पर्यटन नगरी के रूप में भी विकसित हो रही है. दूर दराज से भक्त ये देखने के लिए पहुंचते है कि आखिर कृष्णा कहां रहते थे, कहां उनका बचपन बीता, किस जगह पर भगवान ने लीलाएं दिखाईं और आज भी भगवान यहां मौजूद हैं.सूरज ढलते ही निधिवन हो जाता है खालीकहते हैं कि निधिवन में आज भी राधा रानी के साथ श्रीकृष्णा रास लीला करते हैं. सूरज ढलते ही निधिवन को खाली करवा दिया जाता है. वहां मौजूद तुलसी गोपियों का रूप धारण कर लेती हैं. यहां तक की पशु-पक्षी भी निधिवन से अपना स्थान छोड़कर चले जाते हैं. ये भी मान्यता है कि जिसने भी छुपकर भगवान को देखने की कोशिश की, वो भगवान के तेज को बर्दाश्त नहीं कर पाया.निधिवन में ही हर उस शख्स की समाधि मौजूद है.ब्रज में वास करते हैं सभी देवी-देवताशास्त्रों में उल्लेख मिलता है कि भगवान कृष्णा के माता पिता ने तीर्थों के दर्शन करने की इच्छा जाहिर की, तो भगवान कृष्ण ने सभी तीर्थों से आह्वान किया और कृष्णा के आह्वान पर सभी तीर्थ ब्रज में प्रकट हुए. आज भी ब्रज में बद्रीनाथ केदारनाथ समेत सभी तीर्थ मौजूद हैं. इसलिए लोग बड़ी संख्या में लोग मोक्ष की कामना लिए यहां आते हैं और अपने जीवन को कृष्णा भक्ति में समर्पित कर देते है..FIRST PUBLISHED : May 26, 2023, 17:17 IST
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