शाश्वत सिंह/झांसी. झांसी में पौधों की सिंचाई के साथ ही पानी बचाने के लिए वन विभाग द्वारा एक नया प्रयोग किया जा रहा है. वन विभाग द्वारा झांसी में अलग-अलग जगहों पर रेन गन लगाए जा रहे हैं. शुरूआत में 8 रेन गन लगाए गए हैं. इससे पौधों की सिंचाई के साथ ही कर्मचारियों पर निर्भरता भी कम हो जाएगी. जिले में पौधारोपण अभियान के तहत वन विभाग हर साल एक करोड़ पौधे तैयार करता है.जिले की कुल 35 नर्सरियों में आम, अमरूद, पीपल, बरगद, नींबू, आंवला, नीम, शीशम, बबूल जैसी कई प्रजातियों के पौधे तैयार किए जाते हैं. इन पौधों की सिंचाई के लिए कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगाई जाती है. लेकिन कई बार यह पौधे सूख जाते हैं. अब रेन गन की मदद से आसानी से बड़े स्तर पर सिंचाई हो सकेगी. इसके साथ ही पारंपरिक तरीके से सिंचाई करने में जो पानी बह जाता था,उस पर भी रोक लगेगी. बुंदेलखंड क्षेत्र पहले ही पानी की कमी से जूझ रहा है. ऐसे में यह कदम काफी सार्थक साबित होगा.प्रयोग के तौर पर हो रहा इस्तेमालप्रभागीय वनाधिकारी एमपी गौतम ने बताया कि सिंचाई की विशेषता यह है कि जिस तरह से बारिश में बूंद-बूंद पानी जमीन पर गिरता है. उसी तरह रेन गन से भी पानी बूंद-बूंद कर गिरता है. बुंदेलखंड क्षेत्र में पानी की कमी को देखते हुए पौधशालाओं में आठ रेन गन से सिंचाई शुरू की गई है. प्रयोग कारगर साबित होने पर जिले के सभी पौधशालाओं की सिंचाई रेन गन से कराई जाएगी..FIRST PUBLISHED : May 23, 2023, 22:56 IST
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