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अभिषेक माथुर/हापुड़. कभी प्लाज्मा तो कभी प्लेटलेट्स के लिए गैर जिलों के चक्कर काटने वाले जरूरतमंद मरीजों के लिए राहत भरी खबर है. शासन द्वारा हापुड़ जिला अस्पताल में ब्लड बैंक के साथ-साथ रक्त घटक इकाई की स्थापना की जा रही है. जिससे मरीजों को खून और प्लेटलेट्स व प्लाज्मा आसानी से मिल सकेगा. इसके लिए पहले मरीजों को दिल्ली-एनसीआर और मेरठ जनपद का चक्कर लगाना पड़ता था. जिला अस्पताल में ब्लड कंपोनेंट यूनिट के लिए मशीनें आनी शुरू हो गई हैं.

मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. प्रदीप मित्तल ने बताया कि हापुड़ जिला अस्पताल में ब्लड बैंक बनाने की तैयारी तेजी से चल रही है. इसके लिए कुल 31 मशीनें आनी हैं. जिनमें अभी तक 16 मशीनें आ चुकी हैं. ब्लड बैंक बनाने के लिए स्थलीय निरीक्षण भी अधिकारियों के द्वारा किया जा चुका है. अब शासन स्तर से ब्लड बैंक के साथ-साथ बीसीएस यूनिट बनाने का निर्णय लिया गया है. जिससे मरीजों को प्लाज्मा और प्लेटलेट्स भी मिलेंगे.

दिल्ली-एनसीआर की दौड़ होगी खत्मसीएमएस ने बताया कि हापुड़ के जिला अस्पताल में वर्तमान में सिर्फ ब्लड स्टोरेज यूनिट ही संचालित की जा रही है. जिससे मरीजों को सिर्फ इतनी सुविधा मिल पाती है कि वह मेरठ या अन्य दूसरे जनपदों से ब्लड मंगाकर इसमें स्टोर कर सकते हैं. सीएमएस डॉ. प्रदीप मित्तल ने बताया कि हापुड़ जिले में कुल पांच ब्लड बैंक हैं, जहां अभी मरीजों को जरूरत के हिसाब से ब्लड मिल जाता है. इसके अलावा ब्लड लेने के लिए मरीजों को दिल्ली-एनसीआर और मेरठ जनपद का रूख करना पड़ता है. यहां अब ब्लड बैंक बनने से मरीजों को काफी राहत मिलेगी.

इन रोगियों को मिलेगी राहतसामान्य खून की कमी वाले मरीजों को पीआरबीसी, जलने के कारण गंभीर हुए मरीजों व कोरोना के मरीजों को प्लाज्मा चढ़ाने की जरूरत होती है. जबकि डेंगू व अन्य संक्रमण वाले मरीज को प्लेटलेट्स चढ़ाकर बचाया जा सकता है. वहीं क्रॉयोप्रेसीपिटेट का उपयोग हीमोफीलिया या वॉन विलेब्रांड रोग के कारण रक्त रसाव के इलाज के लिए किया जाता है.
.Tags: Hapur News, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : May 21, 2023, 21:00 IST

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