Ramayana News : चित्रकूट में इस राक्षस ने प्रभु श्रीराम को किया था चैलेंज, जानें क्या है कहानी

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Ramayana News : चित्रकूट में इस राक्षस ने प्रभु श्रीराम को किया था चैलेंज, जानें क्या है कहानी



धीरेन्द्र शुक्ला/चित्रकूट. चित्रकूट त्रेता युग से महान ऋषि-मुनियों की तपोस्थली रही है. भगवान राम ने चित्रकूट में भी अपने बनवास के दौरान साढ़े 11 वर्ष का समय बिताया था. मान्यता है कि भगवान श्रीराम ने वनवास के दौरान इस क्षेत्र में ऋषि और महर्षियों की सहायता हेतु राक्षसों का वध किया था.

इसी त्रेता युग में वनवास के समय राक्षस जो रावण का एक दूत था. जिसने चित्रकूट की धरती में कोहराम मचा रखा था और उसको अपनी मौत का वरदान भी मिला था. उसे ब्रह्माजी से वर था कि किसी भी प्रकार का अस्त्र-शस्त्र न हत्या की सकती है और न अंग छिन्न-भिन्न हो सकते थे. यही वजह थी की वह राक्षस अपने घमंड में चूर था. उस राक्षस का नाम विराध था.

राक्षस ने दिया प्रभु राम को चैलेंजचित्रकूट के महंत दिव्यजीवन दास जी बताते हैं कि जब चित्रकूट में राक्षस विराध ने कोहराम मचा रखा था. तभी प्रभु राम से हुआ इस राक्षस का सामना किया, फिर क्या था घमंड में चूर विराध राक्षस ने प्रभु राम को ललकार दिया, प्रभु राम उस राक्षस का वध नहीं कर पाए और सोच में पड़ गए. त्रेता युग का घमड़ी असुर रावण का दूत था और उसको खत्म करने का एक उपाय था.

प्रभु राम ने ली सभी देवी देवताओं की मददगहरी चिंता में पड़े प्रभु राम ने ठान लिया कि जो राक्षस तपस्या कर रहे ऋषि मुनियों का वध करता है इसको मौत के घाट उतरना जरूरी है. अगर यह नहीं मारा गया तो वरदानी राक्षस का अंत नहीं होगा और और तपस्या में लीन ऋषि मुनियों को वध कर के अपना साम्राज्य स्थापित रखेगा. महंत ने बताया कि जब त्रेतायुग में प्रभु राम ने असुर विराध को नहीं मार पाए तो उसके वरदान की काट की खोज की प्रभु राम को पता चला की इसकी मौत इसके खण्ड-खण्ड शरीर के टुकड़े करने से होगी.

राक्षस के अंत का उपाय बताने वाले कौन?चित्रकूट के महंत ने बताया कि राक्षस के मारने का उपाय जब प्रभु राम ने ब्रह्मा जी से पूछा तो ब्रह्मा जी ने बताया कि ऐसे अस्त्र से वार करिये जो इसके अरबों खंड कर दे, तभी यह राक्षस मारा जाएगा. प्रभु राम ने अपने नेत्रों को बंद किया और सभी देवी देवताओं से वंदना कर एक अस्त्र का उपाय खोज निकाला, जिससे उसका अंत हो सका. उस अस्त्र से अरबों खंड उस राक्षस के शरीर किए हैं.

चित्रकूट मे आज भी मौजूद हैं विराध कुंडप्रभु राम ने विराध को घायल करने के बाद छोटे भ्राता लक्ष्मण से कहा कि इसका शरीर एक गड्ढा खोदकर डाल दो तभी इसकी मृत्यु होगी. अंत में छोटे भ्राता ने यही किया तभी विराध राक्षस का अंत हुआ.

(नोट: यहां दी गई जानकारी मान्यताओं पर आधारित है, न्यूज़ 18 इसकी पुष्टि नहीं करता है)
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Chitrakoot News, UP newsFIRST PUBLISHED : April 25, 2023, 22:11 IST



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