लखनऊ. उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव के दूसरे चरण के उम्मीदवारों की घोषणा के साथ ही बीजेपी ने दोनों चरणों के सभी उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. दूसरे चरण के नामांकन का 24 अप्रैल को आख़िरी दिन है. बेहद कसी हुई रणनीति के साथ प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी और संगठन मंत्री धर्मपाल ने उम्मीदवारों की घोषणा की है. उम्मीदवारों की घोषणा के साथ ही इनकी जोड़ी ने ये भी साफ़ कर दिया कि इन चुनावों में मंत्री, सांसद, विधायक और ज़िला अध्यक्षों की बिल्कुल नहीं चली. सर्वे रिपोर्ट और संगठन के मानकों पर खरे उतरने वाले जिताऊ उम्मीदवारों को ही टिकट दिया गया है.
सूत्रों की मानें तो इन निकाय चुनावों में कई मंत्री और सांसद अपने-अपने परिजनों के लिए टिकट मांग रहे थे, लेकिन प्रदेश संगठन महामंत्री धर्मपाल के सख़्त तेवरों के चलते ऐसे नेताओं को निराशा हाथ लगी. वैसे भी अगर कुछ अपवादों को छोड़ दें तो बीजेपी में परंपरागत तौर पर ये माना जाता है कि एक परिवार में एक को ही टिकट दिया जाता है. सूत्रों की मानें तो इस नियम को लेकर धर्मपाल हर मीटिंग में काफी सख़्त नज़र आये जिसके कारण कई नेताओं के नाराज़ होने की खबर है, लेकिन इसके बावजूद भी प्रदेश नेतृत्व की ये जोड़ी अपने निर्णय को लेकर टस से मस नहीं हुई.
सूत्रों के मुताबिक़ योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री प्रयागराज दक्षिण से विधायक नंद गोपाल ‘नंदी’ अपनी पत्नी के लिए मेयर की सीट मांग रहे थे, लेकिन उनकी इस डिमांड को बीजेपी आलाकमान ने नकार दिया और टिकट देने से इंकार कर दिया जिसके बाद ‘नंदी’ ने एक स्टेटमेंट जारी करके खुल कर अपनी नाराज़गी भी ज़ाहिर की और बीजेपी नेतृत्व की आलोचना भी की. इसके साथ केन्द्रीय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल भी अपनी बेटी के लिए आगरा से मेयर सीट की डिमांड कर रहे थे, लेकिन उनको भी मना कर दिया गया. लखनऊ, बरेली, हाथरस, अलीगढ़, मुज़फ़्फ़रनगर, ग़ाज़ियाबाद, अयोध्या में भी प्रदेश नेतृत्व ने संगठन की रिपोर्ट के आधार पर ही निर्णय लिया. हाथरस में विधायक, ज़िलाध्यक्ष और ज़िला प्रभारी के पंसदीदा कैंडिडेट की जगह संगठन के सर्वे के आधार पर पूर्व सांसद की पत्नी को नगर पालिका अध्यक्ष का टिकट दिया गया.
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प्रत्याशी चयन में संगठन कार्यकर्ताओं को तरजीह देने के साथ साथ प्रदेश संगठन अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी और महामंत्री संगठन धर्मपाल ने बीजेपी उम्मीदवारों की जीत को सुनिश्चित करने के लिए संगठन को धार देने का काम भी शुरू कर दिया है. मिली जानकारी के मुताबिक़ उम्मीदवार चयन प्रक्रिया के तुरंत बाद 22 अप्रैल तक सभी नगर निगमों में प्रभावी मतदाता सम्मेलन कराये जायेंगे. इसके साथ ही सबसे महत्वपूर्ण काम होगा डैमेज कंट्रोल का. नाराज़ लोगों को मनाने के लिए डैमेज कंट्रोल कमेटी हर ज़िले में बना दी गई है जो घर-घर जाकर नाराज़ प्रत्याशियों से बात करके उनका पर्चा वापस करायेगी. इसके अलावा हर ज़िले की नगर निकाय संचालन समिति हर दिन सुबह मीटिंग करके उस दिन का एजेंडा सेट करेगी.
सभी प्रमुख समाजसेवी संगठनों की बैठक बीजेपी प्रत्याशियों के फ़ेवर में प्रमुखता से कराने के निर्देश दिए गये हैं. 30 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मन की बात सभी बूथों पर सुनाने के निर्देश भी दिए गये हैं.बीजेपी के रणनीतिकारों का दावा है कि निकाय चुनाव में व्यूह रचना इस तरह से बनाई गई है कि भगवा यूपी में फहराये.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: BJPFIRST PUBLISHED : April 23, 2023, 21:51 IST
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