कन्नौज. कन्नौज जिला अपने इत्र की खूशबू के लिए पूरे विश्व में मशहूर है. महक चाहे वो फ़ूल की हो या फिर इत्र की, तन और मन को स्फूर्ति और रोमांच से भर देती है. यहां के इत्र व्यापारियों के द्वारा सैकड़ों साल पहले खस का एक इत्र बनाया गया था. यह इत्र सर्दियों के मौसम में बनाया जाता है और इसका प्रयोग गर्मियों के मौसम में ज्यादातर किया जाता है. इस खस के इत्र की तासीर बहुत ठंडी होती है. इस इत्र की खुशबू से दिमाग में भी ठंडक बनी रहती है साथ ही मानसिक तनाव से भी काफी राहत मिलती है. यही नहीं यह इत्र औषधि का भी काम करता है.कन्नौज जिले में कुल छोटे-बड़े 300 से ज्यादा इत्र बनाने के कारखाने हैं. कन्नौज शहर में करीब 5 से 7 हज़ार लोग इस व्यापार से जुड़े हैं. खस की बात की जाए तो यह ज्यादातर तराई वाले क्षेत्रो होता है. जहां पर ठंडक रहती है, जैसे लखीमपुर क्षेत्र के आसपास की पैदावार बहुत ज्यादा होती है, यह खस तालाबों के किनारे नदियों के आसपास अधिकतर पाया जाता है.ऐसे तैयार किया जाता है इत्र, क्यों खास है खस का इत्रजानकार बताते हैं की कन्नौज में जब से इतर का काम चालू हुआ यह खस का इत्र भी तभी से बनता चला रहा है. ऐसे में यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस इत्र का भी इतिहास सैकड़ों हजारों साल पुराना है. इस इत्र को भी आम इत्रों की तरह ही एक बड़े डेग में डालकर बनाया जाता है. जिसको तेज गर्म आंच पर रखा जाता है और फिर उसका वाष्पीकरण करके इत्र के फॉर्म में उसको लाया जाता है. प्राकृतिक तौर पर खस की तासीर बहुत ठंडी होती है जिस कारण इसका प्रयोग गर्मी के मौसम में ज्यादा होता है. इसको लगाने से पूरे शरीर मे ताजगी महसूस होती है, दिमाग मे ठंडक रहती है और लू के प्रकोप को भी यह इत्र कम करता है. अगर आप किसी चीज से जल गए है तो यह इत्र औषधि का भी काम करता है और इसको लगाने से जलन में बहुत कमी आ जाती है.देश सहित विदेशों में भी है डिमांड]यह इत्र बहुत ठंडा होता है इसलिए ज्यादा गर्म वाले देशों में इस इत्र की सबसे ज्यादा मांग रहती है. बड़ी मात्रा में इस इत्र का प्रोडक्शन सर्दियों में ही कर लिया जाता है और फिर इसकी सप्लाई देश के साथ-साथ अरब,अफ्रीका और गल्फ के देशों में होती है.क्या कहते है व्यापारी, कितनी होती है कीमतइत्र व्यापारी विवेक नारायण मिश्रा और सागर ने बताया कि कन्नौज के इत्रों में सबसे महत्वपूर्ण यह इतर है. लगभग सभी इत्र बनाने वाले इस खस के इतर को बनाते है. यह खस का इतर सिर्फ कन्नौज में ही सबसे अच्छी क्वालिटी का तैयार किया जाता है और देश के साथ-साथ विदेशो में भी कन्नौज के इस इतर की बहुत मांग रहती है. साधारण तौर पर यह 50 से 60 हज़ार रुपये किलो तक बिकता है. जिसमे खस रूह इतर सबसे शुद्ध होता है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|FIRST PUBLISHED : April 17, 2023, 16:45 IST
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