Delhi-Ncr Medicine Price Hike: दिल की बीमारियों की दवाओं को खरीदने में ना करे कंजूसी, हो सकता है बड़ा खतरा 

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Delhi-Ncr Medicine Price Hike: दिल की बीमारियों की दवाओं को खरीदने में ना करे कंजूसी, हो सकता है बड़ा खतरा 



रिपोर्ट- विशाल झा

गाजियाबाद : 1 अप्रैल, 2023 से नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत होती है. इसका असर कई सारी चीजों के दामों पर भी पड़ता है. इस बार आम लोगों को वित्त वर्ष के शुरुआत में ही महंगाई का तोहफा मिल गया है. इस नए वित्त वर्ष की शुरुआत से जनता पर कई तरह के आर्थिक बोझ बढ़ेंगे, जिसकी वजह से उन्हें अपनी जेब और ढीली करनी पड़ेगी.

1 अप्रैल से अन्य चीजों के साथ दवाओं के दामों में भी वृद्धि होगी. जिसमें सामान्य दवाई जैसे बुखार, पेन किलर, एंटीबायोटिक, दिल की बीमारी की दवाओं में 12 फीसदी तक इजाफा होगा. दवाओं के दाम तय करने वाली बॉडी नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी के मुताबिक, देश में ठोक मूल्य सूचकांक में बड़ा बदलाव देखने को मिला है और इसी कारण से दवाई के दाम 12.12 फीसदी तक बढ़ाए जा रहे है.

अब कहां से मिलेंगी सस्ती दवाएं ?

वरिष्ठ डॉक्टर बीपी त्यागी ने बताया कि अब मरीजों को ज्यादा दामों में दवाई मिलेगी. इसलिए अब अगर ग्राहकों को सस्ते में दवाएं लेनी है तो उसके पास प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र का विकल्प है, जहां जेनरिक दवाई आसानी से बड़ी कम कीमतों में मिल जाती हैं. इन बढ़े हुए दामों के बाद मरीजों को एक चीज का विशेष तौर पर ध्यान रखना है कि जो दिल की बीमारी की दवा है, वो आप अच्छी कंपनी की लें, क्योंकि दिल की बीमारी में खतरा नहीं ले सकते. बाकी एंटीबायोटिक और बुखार की दवा में सब्सीट्यूट इस्तेमाल कर सकते है.

दवाओं मार्केट पर क्या असर पड़ेगा ?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुल 800 से अधिक आवश्यक दवाओं के दामों में इजाफा किया जाएगा. गाजियाबाद के नई बस्ती में पुरानी दवाई मार्केट स्थित है. जहां पर करीब सैकड़ों होलसेलर दवा व्यापारी दिल्ली एनसीआर के रिटेलर व्यापारियों तक दवा पहुंचाते हैं. नई बस्ती में ही गाजियाबाद केमिस्ट एसोसिएशन स्थित है.

गाजियाबाद केमिस्ट एसोसिएशन के सचिव अमित बंसल ने बताया कि दवाओं के दाम बढ़ाने का फैसला स्वागत योग्य नहीं है, क्योंकि खुद ही दवा कंपनी एक निश्चित अवधि के बाद दवाओं के दामों में बढ़ोतरी करती है. इसलिए जो ये दवाएं महंगी हो रही हैं,  इससे ग्राहकों को काफी असर पड़ेगा. जीएसटी लागू होने के बाद ये दवाएं और महंगी हो जाती हैं. सरकार को इन दवाओं में अतिरिक्त टैक्स नहीं लेना चाहिए. अमित बताते हैं कि रोजाना एंटीबायोटिक हो या बुखार की दवाएं, इनकी रेगुलर बेस पर काफी बिक्री होती है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Ghaziabad News, Latest hindi news, UP newsFIRST PUBLISHED : March 31, 2023, 19:42 IST



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