आगरा. आगरा में 1990 में सिंगल चिप कैमरे से प्रारम्भ हुई लेप्रोस्कोपिक सर्जरी विकसित होकर आज रोबोटिक सर्जरी तक पहुंच गई है. डिलीवरी कराने के अतिरिक्त आज हर ऑपरेशन लेप्रोस्कोपिक विधि से बेहतर तरीके से सम्भव है. मरीजों की डीमांड के साथ सर्जन्स का भी नई-नई विधियों से अपडेट रहना जरूरी है. देश के गांव-गांव तक ओपन सर्जरी के बजाय अधिक लाभकारी लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की सुविधा पहुंच सके, इसके लिए अमासी (एसोसिएशन ऑफ मिनिमल एक्सेस सर्जरी) हर साल 5-6 कोर्स (एफएमएएस परीक्षा) विभिन्न प्रांतों में आयोजित करा रहा है.अमासी के पूर्व अध्यक्ष डॉ. ओम तांतिया (कलकत्ता) ने 88वां अमासी स्किल कोर्स व एफएमएएस परीक्षा के दौरान बताया कि 1990 में सिंगल चिप के साथ प्रारम्भ हुई लेप्रोस्कोपिक सर्जरी थ्री चिप, डिजिटल, एचडी, थ्रीडी और अब रोबोटिक सर्जरी के रूप में विकसित होकर मरीजों के लिए लाभकारी सिद्ध हो रही है. सर्जन्स के पढ़ाई करने से प्रैक्टिस में आने तक सर्जरी की कई तकनीकें विकसित हो चुकी होती हैं, इसके लिए सर्जन्स का मरीजों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए अपडेट होते रहना जरूरी है. गॉल ब्लैडर, अपैन्डिक्स, हर्नियां जैसी सर्जरी में बहुत अच्छे नतीजे हैं, जबकि प्रो स्टेट कैंसर सहित कुछ कैंसर की सर्जरी में रोबोटिक सर्जरी ज्यादा लाभकारी है, जो अब भारत में अच्छे स्तर पर की जा रही है.एग्जाम कन्विनियर डॉ. मयंक जैन ने बताया कि परीक्षा में विभिन्न प्रांतों (केरल, आंध्रप्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, मप्र, उप्र, पंजाब, हरियाणा) के 200 से अधिक सर्जन्स ने दो दिन की ट्रैनिंग के उपरान्त परीक्षा दी. जिसके नतीजे 15 दिन बाद आएंगे. रायपुर में आयोजित कन्वोकेशन में डिग्री प्रदान की जाएगी.ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी हो रही ओपन सर्जरीपरीक्षा के कन्वीनियर डॉ. मयंक जैन ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की सुविधा या ट्रेन्ड डॉक्टर न होने से आज भी ओपन सर्जरी की जा रही है. जिसमें मरीज को अपेक्षाकृत लम्बे समय तक अस्पताल में रहना और तकलीफ को सहना पड़ता है. ट्रेनिंग में लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के लिए ऑपरेशन थिएटेर को तैयार करना व इंस्ट्रूमेंट (सेटअप तैयार करना) के बारे में भी सर्जन्स को जानकारी दी गई है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|FIRST PUBLISHED : March 22, 2023, 16:44 IST
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