आगरा. आज (8 मार्च) पूरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है. यही नहीं, महिला दिवस पर हर साल बड़े बड़े आयोजन भी होते हैं. बुद्धिजीवी वर्ग के लोग इन मुद्दों पर गंभीर चर्चा करते हैं. साथ ही टीवी चैनल पर देश की जानी-मानी महिला का इंटरव्यू चला दिया जाता है. वहीं, अखबारों में महिलाओं की सक्सेस स्टोरी छपती हैं. हम आपको इस स्टोरी में एक ऐसी महिला की कहानी बताने जा रहे हैं, जो अपने बच्चों की खातिर दिन रात ई-रिक्शा चलाकर दो वक्त की रोटी जुटाती है.अंतराष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर आगरा में हमारी मुलाकात एक ऐसी महिला हुई जो सड़क के किनारे ई-रिक्शा के पहिए का पंचर ठीक कर रही थी. पास में ही उसका करीब तीन साल का बच्चा भी बैठा था. उस वक्त रात के करीब 10 बजे रहे थे. यह मामला आगरा के छीपीटोला रोड जिला अस्पताल के सामने का है. ई-रिक्शा पंचर होने के बाद महिला चालक अनिता (32 साल) आसपास से गुजर रहे राहगीरों की ओर मदद की आस लगाए देखती हैं, लेकिन मदद नहीं मिलती. इसके बाद वह खुद ही जुट जाती हैं.10 साल पहले छोड़ गया पतिन्यूज़ 18 लोकल से बात करते हुए महिला चालक अनीता बताती हैं कि वो वह धनोली सरोली रोड पर रहती हैं. 10 साल पहले पति छोड़कर चला गया. अनिता के चार बच्चे हैं. अनीता लॉकडाउन में दाने दाने को मोहताज थीं. इस बीच एक सवाल उसे अंदर ही अंदर खाये जा रहा था कि वह अब बच्चों की परवरिश कैसे करेंगी? अनीता ने हिम्मत नहीं हारी और आसपास के पड़ोसियों से पैसा उधार मांग कर ई-रिक्शा खरीदा. इसके बाद अपनी मेहनत के दम पर जिंदगी जीना शुरू की. साथ ही बताया कि वह अपने तीन साल के बेटे को अपने साथ रखती हैं.क्या होता है महिला दिवस नहीं पता? जब हमने अनीता से पूछा कि महिला दिवस के बारे में पता है, तो उसने कहा पता नहीं क्या होता है? वह सिर्फ इतना जानती है कि अगले दिन अगर ई-रिक्शा नहीं चलाएगी, तो उसके घर का चूल्हा नहीं जलेगा. यही नहीं, 4 बच्चों की खाने से लेकर पढ़ाई का खर्चा अनीता सब कुछ इसी रिक्शे को चला कर पूरा करती हैं. वहीं, घर भी रहने लायक नहीं है. अनीता की एक बहन है जिसे दिल की बीमारी है और उसका इलाज दिल्ली एम्स में चल रहा है. दिल का ऑपरेशन होना है और खर्चा एक से डेढ़ लाख का आएगा. अनीता कहती हैं कि वह दिन रात ई-रिक्शा चलाकर पैसा इकट्ठा कर रही हैं, ताकि बच्चों की देखभाल के साथ बहन इलाज हो सके. साथ ही उनको घर भी बनवाना है.बेटे को बनाना है अफसरजिंदगी चाहे जितनी कठिन परीक्षा ले ले, लेकिन अनीता को हिम्मत और हौसले को तोड़ नहीं सकती है. ऐसा ही कुछ देखने और सुनने को अनीता से मिला है. अनीता ने बताया कि वह अपने बच्चों को अफसर बनाना चाहती है. अनीता कहती हैं कि जो गरीबी मैंने देखी है, वह मेरे बच्चे नहीं देखेंगे. चाहे मुझे जितना भी ई-रिक्शा चलाना पड़े. अनीता के हौसले हर उस महिला को शक्तिशाली बनाते हैं, जो अपनी मेहनत के दम पर अपनी जिंदगी का रिक्शा चला रही हैं. अगर आप अनीता की मदद करना चाहते हैं, तो मोबाइल नंबर 98978 75089 पर संपर्क कर सकते हैं. अंतराष्ट्रीय महिला दिवस पर News18 Local सभी मेहनतकस महिलाओं को सलाम करता है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|FIRST PUBLISHED : March 08, 2023, 08:38 IST
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