Bhasma holi people play with ash to celebrate holi at harishchandra and manikarnika ghat

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Bhasma holi people play with ash to celebrate holi at harishchandra and manikarnika ghat



वाराणसी. उत्तर प्रदेश के वाराणसी में होली का अपना अलग ही मजा है. यहां रंग और गुलाल के साथ श्मशान में चिता की भस्म से भी होली (Holi 2023) खेली जाती है. जलती चिताओं के बीच होली का ये अद्भुत और अनोखा रंग पूरे दुनिया में सिर्फ काशी में ही देखने को मिलता है. वाराणसी के महाश्मशान हरिश्चन्द्र और मणिकर्णिका घाट (Manikarnika Ghat) पर हर साल ये होली खेली जाती है. रंगभरी एकादशी के दिन हरिश्चंद्र घाट और उसके एक दिन बाद मणिकर्णिका घाट पर भगवान भोले के भक्त श्मशान में होली खेलते हैं.इस साल 3 और 4 मार्च को ये अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा. 3 मार्च को रविन्द्रपुरी कॉलोनी से शिव बारात में शामिल होकर औगढ़, तांत्रिक, शिव भक्त और काशी वासी इस बारात में शामिल होंगे और विभिन्न रास्तों से होते हुए ये बारात जब हरिश्चंद्र घाट पहुचेंगी, तो वहां सब गुलाल, भस्म और चिता की राख से होली खेलेंगे.अदृश्य रूप में आते हैं भोलेनाथ!इसके अगले दिन महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर भी ये अद्भुत होली खेली जाएगी. होली के शुरुआत से पहले मसान बाबा का विशेष श्रृंगार होता है. जानकारी के मुताबिक, बनारस में चिता की भस्म से होली खेलने की ये परम्परा सदियों पुरानी है. ऐसी धार्मिक मान्यता है कि रंगभरी एकादशी पर माता पार्वती के गवनां के बाद भगवान भोले अपने गढ़ के साथ मसान में होली खेलने आते हैं. यदि आप भी इस अद्भुत होली को देखना चाहते है, तो फटाफट टिकट कराइए और 3 मार्च से पहले बाबा विश्वनाथ के शहर बनारस आ जाइए.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|FIRST PUBLISHED : March 01, 2023, 14:47 IST



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