lucknow-holi-2023-Are-elders-getting-disillusioned-with-colours-read-ground-report-from-lucknow – News18 हिंदी

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अंजलि सिंह राजपूतलखनऊः भाग-दौड़ भरी जिंदगी में अब त्योहारों पर वैसी रौनक नजर नहीं आती जैसी आज से करीब 10 या 20 साल पहले हुआ करती थी. अब बड़ों में त्योहारों का क्रेज धीमे-धीमे कम होता जा रहा है. शायद यही वजह है कि इस बार उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में होली को लेकर सजे हुए सभी बाजारों में सिर्फ और सिर्फ बच्चों का ही ध्यान रखा गया है.बच्चों के लिए ही यहां हर तरह की पिचकारी और हर्बल रंग हैं. लखनऊ का सबसे बड़ा बाजार रकाबगंज, अमीनाबाद और यहियागंज में सब जगह पर बच्चों के अनुरूप ही बाजार सजे हुए हैं. दुकानदार अविनाश ने बताया कि अब पिछले कुछ वक्त से देखा जा रहा है कि होली पर पिचकारी बड़े बच्चों के लिए ही लेकर के जाते हैं. बड़ों की पिचकारी पहले आती थी जो भारी होती थीं लेकिन वह पिचकारी हर बार बिना खरीदे ही ग्राहक चले जाते थे. बच्चों की पिचकारी की मांग हमेशा ज्यादा रहती थी.यही वजह है कि इस बार लखनऊ के सभी बाजारों में बड़ों के लिए कोई भी पिचकारी उपलब्ध नहीं है. बच्चों के लिए ही यहां पर 3D पिचकारी और बैग पिचकारी से लेकर सभी तरह के खिलौने जिनमें रंग भरकर बच्चे खेल सकते हैं, उसे ही बाजार में उतारा गया है ताकि दुकानदारों को नुकसान न झेलना पड़े.कीमतें भी आसमान छू रही हैंदुकानदार मोहम्मद जुबैर ने बताया कि बच्चों के लिए बड़े अच्छा पैसा भी खर्च कर देते हैं. उनकी इच्छा पूरी करने के लिए इसलिए इस बार बाजार में बच्चों के लिए जो भी पिचकारी आई हुई है ज्यादातर 300 रुपये से शुरू हैं. 1500 से लेकर 2000 रुपये तक की भी पिचकारी है. बड़ों का ध्यान रखते हुए बाजार में सिर्फ एक ही पिचकारी ऐसी है, जिसका बड़े इस्तेमाल कर सकते हैं. वह पिचकारी है तिरंगा. तिरंगा पिचकारी को बड़ों के लिए ही बाजार में खासतौर पर उतारी गई है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|FIRST PUBLISHED : February 25, 2023, 22:01 IST



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