अभिषेक जायसवालवाराणसी: महाशिवरात्रि पर भगवान भोले के विवाह के बाद रंगभरी एकादशी (Rangbhari Ekadashi 2023) के दिन बाबा विश्वनाथ संग माता पार्वती के गवनां की रस्म निभाई जाती है. बाबा विश्वनाथ (Kashi Vishwanath) के शहर बनारस (Banaras) में इस दिन से ही होली (Holi) की शुरुआत मानी जाती है. इस खास दिन पर बाबा विश्वनाथ भी खास परिधान में नजर आएंगे. अकबरी पगड़ी पहन बाबा विश्वनाथ माता गौरा की विदाई के लिए महंत आवास (ससुराल) जाएंगे.खास बात ये है कि ये अकबरी पगड़ी बनारस का एक मुस्लिम परिवार तैयार कर रहा है. पगड़ी तैयार करने वाले गयास अहमद ने बताया कि उनके परदादा ने इस परम्परा की शुरुआत की थी. उसके बाद करीब 250 सालों से उनका परिवार बाबा विश्वनाथ के लिए ये पगड़ी तैयार करता आ रहा है. उन्होंने बताया कि इसे बनाने में करीब 7 से 8 दिनों का समय लगता है.सेवा भाव से करते हैं कामइस खास पगड़ी को सिल्क, जरी और कपड़े का इस्तेमाल कर बनाया जाता है. गयास अहमद ने बताया कि वो इसके लिए कोई शुल्क भी नहीं लेते है, बल्कि अपने आस्था और श्रद्धा के साथ सेवा भाव के लिए इस काम को करते हैं. उन्होंने बताया कि उन्हें बाबा विश्वनाथ के लिए पगड़ी बनाने में सुकून मिलता है.350 साल पुरानी है परम्पराबताते चलें कि बीतें करीब 350 सालों से काशी में बाबा विश्वनाथ और माता गौरा के गवनां की परंपरा निभाई जाती है. इस दौरान पूरा काशी गलियों में उमड़ता है और लोग बाबा विश्वनाथ और माता गौरा संग जमकर होली खेलते हैं.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|FIRST PUBLISHED : February 23, 2023, 20:12 IST
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