Loneliness Affects Mental Health: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, दुनियाभर में चार करोड़ से अधिक लोग डिमेंशिया बीमारी से पीड़ित हैं. यह बीमारी एक वैश्विक स्वास्थ्य संकट को बढ़ा रहा है. अब वैज्ञानिकों ने एक शोध में दावा किया है कि अकेलापन डिमेंशिया के खतरे को बढ़ा सकता है. अध्ययन के दौरान जोखिम फैक्टर में धूम्रपान, अत्यधिक शराब पीना, खराब नींद और लगातार व्यायाम की कमी शामिल है. यह अध्ययन लंदन और कनाडा के वैज्ञानिकों ने किया इसमें विशेषज्ञों ने करीब पांच लाख से अधिक लोगों पर अध्ययन करके डाटा एकत्रित किया. यह अध्ययन पीएलओएस वन जर्नल में प्रकाशित हुआ था.
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में लगभग 40 लाख से अधिक लोगों को किसी न किसी प्रकार का डिमेंशिया रोग है. अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने कनाडा के स्टडी ऑफ एजिंग में 5,02,506 और यूके के बायोबैंक में 30,097 लोगों के डाटा का अध्ययन किया. शोधकर्ताओं के मुताबिक, धूम्रपान, अत्यधिक शराब पीना, खराब नींद आदतों वाले लोगों में एकाकी होने और सामाजिक समर्थन की कमी होने की संभावना अधिक थी.
रिसर्च में शामिल किए लोगों से कई सारे पूछे गए सवाल इन अध्ययनों में प्रतिभागियों से अकेलेपन, सामाजिक संपर्क के बारे में कई सारे सवाल पूछे गए. देखा गया कि जिन लोगों ने शारीरिक व्यायाम को नियमित तौर पर शामिल किया, उनमें अकेलापन में 20.1 प्रतिशत की कमी हुई. वहीं खराब सामाजिक संपर्क से डिमेंशिया का खतरा 26.9 प्रतिशत अधिक दर्ज किया गया.
क्या है डिमेंशियाडिमेंशिया एक बीमारी है, जिसमें दिमाग में नसों के सेल्स को नुकसान होता है. इसमें मेमोरी लॉस, सोच और सामाजिक क्षमताओं को प्रभावित करने वाले लक्षणों को देखा जाता है. यह किसी व्यक्ति में दिन-प्रतिदिन के कामकाज में हस्तक्षेप और बाधा उत्पन्न कर सकता है.
डिमेंशिया के लक्षण
याददाश्त कमजोर पड़ना
बातचीत करने और बोलने में परेशानी
समय और जगह को लेकर दिक्कत
समान को गलत जगह पर रखना
व्यवहार में बदलाव आना
सामाजिक समर्थन की कमी होने की संभावना अधिक
कैसे दूर करें अकेलेपन
अकेलेपन का कारण पता करें
पूरे दिन आप क्या करना चाहते हैं, उसकी प्लानिंग करें
लोगों से मेल जोल बढ़ाएं
किताबें पढ़ने की आदत डालें
नई भाषा या कोई नया काम सीखें
सोशल एक्टिविटी में शामिल हों
ऑनलाइन कम्युनिटी ज्वाइन करें
व्यायाम करें, योग करें
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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