रणनीति में माहिर थे मुशर्रफ, घमंड ने डुबोई लंका-पूर्व कर्नल टीपी त्यागी – News18 हिंदी

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रिपोर्ट : विशाल झा

गाजियाबाद. आज पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का निधन हो गया. 79 साल की उम्र में उन्होंने अपनी आखिरी सांस ली. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, परवेज लंबे समय से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से जूझ रहे थे. जबकि पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो हत्याकांड और लाल मस्जिद के मौलवी की हत्या के मामले में मुशर्रफ को भगोड़ा घोषित किया गया था. मुशर्रफ 2016 से ही दुबई में रह रहे थे. दरअसल 2007 में संविधान को निलंबित करने के लिए उन्हें राजद्रोह के मामले का भी सामना करना पड़ा था.

गाजियाबाद निवासी और पूर्व कर्नल टीपी त्यागी ने News 18 Local को बताया कि परवेज मुशर्रफ बहुत ही शक्तिशाली व्यक्तित्व के थे. वह न सिर्फ एक स्पोर्ट्समैन थे बल्कि एक बढ़िया मिलिट्री कमांडर और अच्छे रणनीतिकार भी थे. उन्होंने अपने देश के लिए बहुत कुछ किया, लेकिन उनका जो घमंड था वो काफी ज्यादा था. इसी घमंड में चूर होकर उन्होंने हमेशा ही भारतीय फौज को हल्के में लिया.

कारगिल युद्ध साजिश को भारतीय सेना ने दिया था मुंहतोड़ जवाबटीपी त्यागी ने कहा कि जब अटल बिहारी वाजपेई भारत और पाकिस्तान के रिश्ते में मधुरता लाने के लिए पाकिस्तान में गए थे,तब भी परवेज मुशर्रफ ने अड़ियल रवैया अपनाया था. इसके बाद उन्होंने कारगिल युद्ध का षड्यंत्र रचा. इसके बाद भारतीय सेना ने कारगिल को विजय किया और उनकी इस रणनीति को मुंहतोड़ जवाब दिया. साथ ही टीपी त्यागी ने कहा कि वो अपने देश पाकिस्तान के लिए अच्छे लीडर थे और उन्होंने अच्छा काम किया, लेकिन हिंदुस्तान के साथ जो उन्होंने धोखा किया उसे हम कभी नहीं भूल सकते.

हवाई जहाज से किया था तख्तापलटकर्नल टीपी त्यागी बताते हैं कि उनके बारे में एक और बात काफी प्रचलित है. परवेज मुशर्रफ ऐसे पहले राष्ट्रपति थे जिसने हवाई जहाज से ही तख्तापलट कर दिया था. नवाज शरीफ का तख्तापलट मुशर्रफ ने तब किया था जब वह कहीं बाहर से पाकिस्तान में आ रहे थे और विमान में थे. राष्ट्रपति बनने के बाद उनके अंदर काफी घमंड देखने को मिला जिसके बाद इन्होंने संविधान को भी चुनौती दे दी थी. इसका नतीजा यह हुआ कि उन पर देशद्रोह का आरोप लगा और फांसी की भी सजा हुई थी. हालांकि वह सजा बाद में हटा दी गई. तब मुशर्रफ कोपाकिस्तान से भागकर दुबई जाना पड़ा था. टीपी त्यागी के मुताबिक, जीवन के आखिरी पलों में भी उनकी इच्छा पाकिस्तान लौटने की थी, जो कि अधूरी रह गई.

जानें कौन हैं कर्नल टीपी त्यागीकर्नल टीपी त्यागी ने 1971 में युद्ध से पहले फौज की ट्रेनिंग पूरी की. फिर उन्होंने 1971 का युद्ध लड़ा. उसमें अपने सिपाहियों को दुश्मन के गांव से वापस लाने के उन्हें लिए वीर चक्र मिला. 31 साल की सर्विस में उन्होंने कई सराहनीय काम किए. दिल्ली धौला कुआ में रिसर्च एंड रेफरल हॉस्पिटल उनकी देखरेख में बना, वो तब वहां के कमांडर थे. वहीं, 2001 में सेवा निवृति के बाद अब भी वह शहीद सिपाहियों के परिवार और पूर्व आर्मी के लिए कार्य करते हैं. वह राष्ट्रीय सैनिक संस्था की नाम से एक संस्था भी चलाते हैं.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Ghaziabad News, India and PakistanFIRST PUBLISHED : February 05, 2023, 17:45 IST



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