रिपोर्ट- शाश्वत सिंह, झांसी
झांसी: एनजीटी के आदेश पर झांसी के लक्ष्मीताल के पास से अतिक्रमण को हटाने पहुंची नगर निगम और जिला प्रशासन की टीम को एक बार फिर बैरंग लौटना पड़ा. तीसरी बार पहुंची टीम को स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा. प्रशासन के बुलडोजर को पहले भी दो बार लोगों के विरोध प्रदर्शन के कारण वापस लौटना पड़ा था.
झांसी के प्रसिद्ध लक्ष्मीताल की जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए झांसी के कुछ निवासियों ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में याचिका दाखिल की थी. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए एनजीटी ने प्रशासन को अतिक्रमण को चिह्नित करने और तालाब की जमीन को खाली कराये जाने के निर्देश दिए हैं.
प्रशासन की टीम जब तालाब की जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए दल बल के साथ पहुंची, तो स्थानीय लोग बुलडोजर के सामने लेट गए. उन्होंने धार्मिक नारे लगाते हुए विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. तालाब की जमीन पर 1 मजार और 7 मंदिरों को चिह्नित किया गया है, जिन्हें हटाया जाना है. स्थानीय लोग इनके हटाए जाने का विरोध कर रहे हैं.
पूर्व में भी प्रशासन की टीम 29 दिसंबर 2022 और 18 जनवरी 2023 को तालाब से अतिक्रमण हटाने के लिए पहुंची थी. उस समय झांसी के विभिन्न संगठनों के लोगों ने इसका कार्रवाई का विरोध किया था. इस कारण प्रशासन की टीम को बैरंग वापस लौटना पड़ा था.
31 जनवरी तक का दिया समयप्रशासन की ओर से टीम का नेतृत्व कर रहे अपर नगर आयुक्त मोहम्मद कमर ने बताया कि गिरिजाशंकर राय बनाम राज्य सरकार मुकदमा एनजीटी में चल रहा है. इसके तहत ही अतिक्रमण हटाने के आदेश जारी हुए हैं. हम आज यहां तीसरी बार आये हैं. यहां मजार है और इसके सम्बन्ध में दो आवेदन किया गया है. जिनकी सुनवाई 31 जनवरी तक हो जाएगी. इन लोगों ने पार्टी बनने के लिए स्टे एप्लिकेशन दिया हुआ है, इसलिए देख लेते हैं कि क्या निर्णय आता है. इसके बाद हम कार्रवाई करेंगे. अभी फिलहाल इन्हें 31 जनवरी तक का समय दे दिया गया है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Jhansi news, Up news in hindiFIRST PUBLISHED : January 29, 2023, 14:59 IST
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