प्रयागराज. बाजार में आजकल नकली का अधिक बोलबाला है. कारण कि कीमत में बहुत सस्ती होती है और लोगों को भ्रमित करके इसे बेंच दिया जाता है. यह कहना है माघ मेला में अयोध्या से आए दुकानदार सुमित कुमार का. वह मेले में तुलसी से बने उत्पादों को बेचते हैं. सुमित का कहना है कि हम किसी भी ग्राहक को कोई भी उत्पाद बेचने से पहले उसके बारे में पूरी जानकारी देते हैं. यह सुनिश्चित करते हैं कि जो उत्पादक ले रहे हैं वह बिल्कुल सत्य और प्रमाणित है. इसके साथ ही कैसे इसकी सत्यता की पहचान करें उसकी भी जानकारी देते हैं.तुलसी की पहचानसुमित कुमार ने बताया वैसे तो तुलसी की पहचान करने के लिए कई तरीके हैं. लेकिन एक प्रचलित तरीका है इसे जल में भिगोने का. तुलसी के माला को आधे घंटे जल में भिगो दीजिए यदि वह रंग छोड़ देता है तो इसे नकली मान लीजिए. यदि ऐसे नहीं होता है तो यह सौ फीसद सही है. दूसरी विधि यह है कि तुलसी के माले के हर कंठी में आपको एक कट या छिद्र देखने को मिलेगा. कोई भी कंठी एकदम चमकदार नहीं होगा.हिंदू धर्म में तुलसी महत्वपूर्णहिंदू धर्म में तुलसी का पौधा बेहद महत्वपूर्ण होता है. शास्त्रों में तुलसी के पौधे को सबसे शुद्ध माना गया है. इसलिए इसे बासी होने के बाद भी पूजा में इस्तेमाल किया जाता है. कहते हैं तुलसी भगवान विष्णु की बहुत प्रिय होती है. उनकी पूजा के प्रसाद में तुलसी का अर्पण करना अनिवार्य माना गया है. इसके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है. ज्यादातर घरों में तुलसी का पौधा लगाया जाता है. मान्यता है कि तुलसी का पौधा लगाने से घर में सुख- समृद्धि आती है.तुलसी की माला पहनने से मन होता शांतभगवान विष्णु और कृष्ण के भक्त तुलसी की माला धारण करते हैं. मान्यता है कि इस माला को पहनने से आपक मन शांत रहता और आत्म पवित्र होती है. कहते हैं कि इस माला को पहनने से रोगों से छुटकारा मिलता है. शास्त्रों के अलावा ज्योतिष शास्त्र में भी तुलसी माला को महत्वपूर्ण माना गया है. इस माला को धारण करने से बुध और गुरू ग्रह मजबूत होते हैं. तुलसी की माला पहने से किसी भी प्रकार के वास्तुदोष से छुटकारा मिल जाता है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|FIRST PUBLISHED : January 28, 2023, 11:48 IST
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