Asthma attack increases in winter patients should keep these things in mind Asthma symptoms in hindi sscmp | Asthma Attack: सर्दियों में बढ़ जाता है अस्थमा का अटैक, इन बातों का जरूर रखें ध्यान

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अस्थमा (asthma) को दमा की बीमारी भी कहते हैं, जिसमें व्यक्ति की सांस लेने वाली नली में सूजन या उसके फेफड़ों की नलियां पतली हो जाती हैं. इस कारण उसे सांस लेने में तकलीफ होती है. इसे सांस फूलने की बीमारी भी कहा जाता है. सर्दियों के दिनों में अस्थमा के मरीजों की मुश्किलें और तकलीफदेह हो जाती है. वातावरण में प्रदूषण और सांस की सिकुड़ी नलियां अस्थमा अटैक (asthma attack) के खतरे को और बढ़ा देती है. आइए जानते हैं कि सर्दियों में अस्थमा अटैक से बचने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
ठंड में अस्थमा बढ़ने का कारणअस्थमा के मरीजों को बदलते मौसम, ज्यादा ठंड और तापमान में तेजी से आने वाले उतार-चढ़ाव में सावधान रहने की जरूरत है. सर्दियों में चलने वाली ठंडी और शुष्क हवाएं अस्थमा के अटैक को ट्रिगर कर सकती है. ऐसे में पुराने दमा के मरीजों में  अटैक का खतरा बढ़ जाता है, वहीं इस बीमारी के मामले भी सर्दियों में अधिक आते हैं. एक रिसर्च के अनुसार, भारत में करीब 6 करोड़ लोग अस्थमा के मरीज है और हर साल यह संख्या तकरीबन 5 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है.
अस्थमा अटैक आने पर क्या करें?
अटैक आने पर तुरंत इनहेलर का इस्तेमाल करें या डॉक्टर द्वारा बताई गई दवा लें
अटैक आने पर लेटे ना रहें, तुरंत सीधे खड़े या बैठ जाएं और लंबी सांस लें.
अस्थमा के मरीज आरामदायक कपड़े पहने और शांत रहने का प्रयास करें.
गर्म चाय या कॉफी का सेवन करें. इससे सांस लेने वाली नहीं थोड़ा खुल जाएगी.
डॉक्टर से संपर्क करें या तुरंत नजदीक के अस्पताल में जाएं.
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