what is dexa test bcci review meeting team india selection process with yo yo fitness test | Dexa Test: ये डेक्सा-टेस्ट है क्या? टीम इंडिया में सेलेक्शन के लिए अब से होगा जरूरी

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What is DEXA Test, BCCI Meeting: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की रविवार को उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक (BCCI Review Meeting) हुई. इसमें राष्ट्रीय टीम में सेलेक्शन के नियमों में फेरबदल किया गया. इसके अलावा खिलाड़ियों की फिटनेस, वर्कलोड मैनेजमेंट पर भी चर्चा की गई. एक फिटनेस टेस्ट को भी सेलेक्शन प्रक्रिया में जोड़ा गया है- डेक्सा टेस्ट. बहुत से लोग इस टेस्ट के बारे में जानना चाहते हैं. 
फिर से शामिल यो-यो टेस्ट
गत नवंबर में टी20 वर्ल्ड कप (T20 World Cup-2022) से भारत के सेमीफाइनल में बाहर होने के बाद से यह समीक्षा बैठक होनी थी. आखिरकार यह मीटिंग रविवार को हुई जिसमे बीसीसीआई अध्यक्ष रोजर बिन्नी, सचिव जय शाह, भारतीय कप्तान रोहित शर्मा, कोच राहुल द्रविड़, एनसीए प्रमुख वीवीएस लक्ष्मण और चयनकर्ता प्रमुख चेतन शर्मा ने हिस्सा लिया. राष्ट्रीय टीम में चयन के मानदंडों में यो-यो फिटनेस टेस्ट को फिर से शामिल कर लिया गया है. 
घरेलू क्रिकेट को तरजीह
मीटिंग में यह भी तय किया गया कि अब टीम में सेलेक्शन को लेकर युवा और उदीयमान खिलाड़ियों को पर्याप्त घरेलू क्रिकेट खेलना होगा. शाह ने बीसीसीआई द्वारा जारी बयान में कहा, ‘उदीयमान क्रिकेटरों को राष्ट्रीय टीम में चयन की पात्रता हासिल करने के लिए पर्याप्त घरेलू क्रिकेट खेलना होगा. यो-यो टेस्ट और डेक्सा अब चयन के आधार में शामिल होंगे. पुरुष टीम का एफटीपी (भावी दौरा कार्यक्रम) और आईसीसी 2023 वर्ल्ड कप को ध्यान में रखकर एनसीए फ्रेंचाइजी के साथ मिलकर आईपीएल-2023 में खेलने वाले भारतीय क्रिकेटरों की मॉनिटरिंग करेगा.’
क्या है यो-यो टेस्ट?
यो-यो टेस्ट को फिर से सेलेक्शन में शामिल किया गया है. बता दें कि यो-यो एक एरोबिक फिटनेस टेस्ट है जिससे दमखम का आकलन किया जाता है. इसमें 20-20 मीटर की दूरी पर रखे गए मार्कर के बीच बढ़ती हुई गति से दौड़ना होता है. विराट कोहली के टीम इंडिया का कप्तान रहते यह टेस्ट शुरू किया गया था. पहले इस टेस्ट में पास होने के लिए 16.1 स्कोर जरूरी था जिसे बाद में 16.5 कर दिया गया. 
डेक्सा टेस्ट क्या है?
अब डेक्सा टेस्ट के बारे में भी लोग सर्च कर रहे हैं. बता दें कि यह हड्डी से जुड़ा एक टेस्ट है. इसे बोन-डेंसिटी टेस्ट (Bone Density Test) भी कहा जाता है. इस प्रक्रिया में एक्स-रे तकनीक का इस्तेमाल होता है. डेक्सा सुरक्षित, दर्द-रहित और जल्दी हो जाने वाला टेस्ट है. इसका मकसद हड्डियों की मजबूती को मापना है. टेस्ट में दो प्रकार की बीम बनती है. एक बीम की फोर्स काफी ज्यादा होती है, वहीं दूसरी की कम. दोनों बीम हड्डियों के अंदर से गुजरते हुए एक्स-रे करती हैं. इससे पता चलता है कि हड्डियों की डेंसिटी यानी मोटाई कितनी है.
फ्रैक्चर की संभावना का भी पता
डेक्सा टेस्ट एक खास तरह की मशीन से किया जाता है. इस प्रक्रिया के दौरान स्कैन से हड्डी में किसी प्रकार के फ्रैक्चर की संभावनाओं का भी पता चल जाता है. इतना ही नहीं, डेक्सा टेस्ट के जरिए बॉडी का फैट पर्सेंट, भार और टिश्यू के बारे में भी जानकारी मिलती है. 
 
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