शाश्वत सिंह
झांसी. मध्य प्रदेश के झांसी के दो बाल वैज्ञानिकों के द्वारा बनाया गया मॉडल राष्ट्रीय स्तर पर शोध के लिए चुना गया है. सरस्वती पाठशाला इंडस्ट्रियल इंटर कॉलेज के विद्यार्थियों आशी और साहिल रायकवार के द्वारा बनाए गए मॉडल पर अब देश के बड़े वैज्ञानिक शोध करेंगे. दोनों विद्यार्थियों ने झांसी में लगे स्टोन क्रशर से होने वाले नुकसान पर शोध किया था. उन्होंने क्रशर से मनुष्यों और पर्यावरण को होने वाले नुकसान का पता लगाया था. दोनों विद्यार्थियों को जनवरी 2023 में महाराष्ट्र के नागपुर में होने भारतीय विज्ञान कांग्रेस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा सम्मानित किया जाएगा.
बाल वैज्ञानिक आशी ने बताया कि झांसी के शंकरगढ़ में स्थित सैनिक स्कूल के पास एक क्रशर प्लांट है. कुछ महीने पहले जब वो उस स्कूल में गईं थी तो उन्होंने अचानक ब्लास्टिंग की आवाज सुनी. तब उन्होंने धूल का गुबार देखा था. इसके बाद ही उन्हें यह ख्याल आया कि इसकी वजह से लोगों को कितनी समस्या होती है. उन्होंने अपने साथी साहिल के साथ मिलकर इस समस्या का समाधान खोजना शुरू किया. साहिल ने बताया कि इस समस्या का पहला समाधान यह मिला कि क्रशर में जो गड्ढा होता है उसमें पानी भरकर रखा जाए और उस पानी से समय-समय पर छिड़काव करने से धूल नहीं उड़ेगी.
विद्यार्थियों को दी जाती है इनोवेटिव शिक्षा
एसपीआई इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल मनोज मिश्रा ने बताया कि 30 साल बाद यह मौका आया है जब विद्यालय के विद्यार्थियों का चयन ऐसे सम्मान के लिए हुआ है. विद्यालय में विद्यार्थियों को पारंपरिक शिक्षा के साथ ही इनोवेटिव शिक्षा दी जाती है. अटल टिंकरिंग लैब में विद्यार्थी लगातार ऐसे प्रयोग करते रहते हैं. इन विद्यार्थियों का प्रयागराज में भी सम्मान किया जायेगा.
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