Jhansi: झांसी के इन दो नागरिकों का था संविधान तैयार करने में अहम योगदान 

admin

Jhansi: झांसी के इन दो नागरिकों का था संविधान तैयार करने में अहम योगदान 



रिपोर्ट: शाश्वत सिंह

झांसी:“हम भारत के लोग…. यह वाक्य सुनते ही हर देशवासी का सर गर्व से ऊंचा हो जाता है. यह वाक्य लिखा है हमारे देश के संविधान में. संविधान की शुरूआत इन शब्दों से ही होती है. संविधान निर्माण में देश की कई विभूतियों का योगदान रहा था. इनमें झांसी के भी दो लोग शामिल थे. पूर्व मंत्री पंडित कृष्णचंद्र शर्मा और झांसी के पहले सांसद रघुनाथ विनायक धुलेकर संविधान सभा के सदस्य रहे थे. दोनों ही व्यक्तियों के हस्ताक्षर संविधान की मूल प्रति पर मौजूद हैं. दोनों ही व्यक्तियों ने देश की आज़ादी के आंदोलन में हिस्सा लिया था. दोनों कई बार जेल भी गए थे.

झांसी में उपलब्ध है मूल प्रतिसंविधान सभा के सदस्य रहे पूर्व मंत्री पंडित कृष्णचंद्र शर्मा के परिवार के पास संविधान की मूल प्रति भी उपलब्ध है. उनके परिवार को यह प्रति 4 वर्ष पहले दी गई थी. पण्डित शर्मा के पौत्र कुशाग्र शर्मा ने बताया कि उन्हें यह प्रति संसद में आयोजित एक समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दी गई थी. उन्हें संविधान सभा की एक ग्रुप फोटो भी दी गई थी. कुशाग्र ने बताया कि यह उनके लिए गौरव की बात है कि देश के संविधान की मूल प्रति उनके पास उपलब्ध है.

1949 में तैयार हुआ था संविधानआपको बता दें कि, रघुनाथ धूलेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील थे. वहीं, कृष्ण चंद्र शर्मा उस जमाने में पत्रकारिता करते थे. वह लगातार ब्रिटिश सरकार के खिलाफ लिखते रहते थे. इस वजह से दोनों को संविधान सभा में शामिल किया गया. गौरतलब है कि 1947 में देश को आजादी मिलने के बाद अलग से देश का संविधान बनाया गया था. संविधान बनाने के लिए एक सभा का गठन किया गया था. इस सभा में रघुनाथ धूलेकर ने कानूनी मसलों पर अपनी राय रखी थी. कृष्णचंद्र शर्मा ने आम आदमी के अधिकार की बात रखी थी. देश का संविधान 26 नवंबर 1949 में बनकर तैयार हो गया था. इसे 26 जनवरी 1950 को लागू कर दिया गया था.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Constitution, Jhansi newsFIRST PUBLISHED : December 16, 2022, 16:00 IST



Source link