Identification of sweets on diwali: दीपावली का त्योहार शुरू हो गया है. दुकानों पर रंग बिरंगी मिठाइयां सबका मन मोह रही हैं. इसलिए दिवाली पर मिठाइयों की खरीदारी के लिए दुकानों पर काफी भीड़ देखने को मिलती है, अगर आप भी मिठाई खरीदने जा रहे हैं तो ये खबर आपके काम आ सकती है. ज्यादा खपत के चलते इस त्योहार में कुछ मुनाफाखोर नकली मिठाईयां बेच रहे हैं, जो आपकी सेहत बिगाड़ सकती हैं. इसलिए आपको कुछ बातें याद रखना बेहद जरूरी हैं.
हम देखते हैं कि मिठाई खरीदते वक्त लोग ये भूल जाते हैं कि मिठाई असली है या नकली? दिवाली पर मिठाइयों में किस तरह की मिलावट की जाती है और इससे सेहत के लिए क्या नुकसान होते हैं. आइए जानते हैं….
इन 3 तरीकों से हो सकती है मिठाइयों में मिलावट
1. मिठाइयों में रंगों की मिलावट
जिन मिठाइयों में रंग ज्यादा मिले होते हैं, वो बहुत ही कलरफुल दिखती हैं. इस प्रकार की मिठाइयां आमतौर पर एलर्जी, किडनी डिजीज और अस्थमा जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती हैं.
कैसे करें पहचान
मिठाई हाथ में लेने पर, हाथ में रंग लग जाता है. मिठाई में सबसे बढ़िया रंग लाने के लिए सबसे ज्यादा मेटानिल येलो और टारट्राजाइन मिलाया जाता है.
क्या नुकसान होता है?
आयुर्वेद डॉक्टर अबरार मुल्तानी के अनुसार, ज्यादा रंग बिरंगी मिठाइयों को खाने से बचना चाहिए. क्योंकि इनके सेवन से एलर्जी, उल्टी, दस्त से लेकर गुर्दे व लिवर पर घातक असर हो सकता है. अधिक कलर वाली मिठाईयां एलर्जी, किडनी डिजीज और अस्थमा जैसी गंभीर बीमारियों का कारण भी बन सकती हैं. उन्होंने बताया कि आप बासी और रंग की मिठाई खरीदने में सावधानी बरतें.
2. मिठाइयों में नकली चांदी का वर्क
त्योहारों के मौके पर हमें मिठाइयां चमकीली नजर आती हैं. इन्हें आकर्षक बनाने के लिए आमतौर पर मिठाइयों पर चांदी का वर्क किया जाता है, लेकिन अधिक मुनाफे के लिए कुछ लोग कई बार एलुमिनियम का वर्क लगा देते हैं, जो कि सेहत के लिहाज से बहुत ही हानिकारक होता है.
कैसे करें पहचान
इसकी पहचान करने के लिए आप चांदी का वर्क हाथ पर लेकर मसलें अगर वो वहां गायब हो जाता है तो समझिए वो चांदी का वर्क है, जबकि एलुमिनियम का वर्क मसलने के बाद उसकी गोली के रूप में तब्दील हो जाता है.
क्या है नुकसान
आयुर्वेद डॉक्टर अबरार मुल्तानी कहते हैं कि मिठाइयों में लगा एलुमिनियम का वर्क जब हम खाते हैं तो यह बहुत ही ज्यादा हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाती है. इससे कई तरह की खतरनाक बीमारियां होने का खतरा रहता है. एल्युमीनियम का सेवन करने पर यह शरीर के अलग-अलग अंगों में जमा हो जाता है. इसससे हाइपर-एसिडिटी, पेप्टिक अल्सर, अपच, पेट फूलना, त्वचा की समस्याएं हो सकती हैं.
3. मिठाई वाले मावे में मिलावट
मावे से बनने वाली मिठाइयां कितनी सुरक्षित और शुद्ध होती हैं, इसका पता होना बेहद जरूरी है, क्योंकि जब आप मिलावटी मावे से तैयार मिठाई का सेवन करते हैं तो बीमार पड़ सकते हैं. नकली मावा के लिए दूध में यूरिया, डिटर्जेंट पाउडर और घटिया क्वालिटी का वनस्पति घी मिलाया जाता है, जो आपकी सेहत बिगाड़ सकता है. इसके लिए आप हमेशा भरोसेमंद दुकान से ही मिठाई खरीदें.
ऐसे करें पहचान
इसके अलावा मावे की शुद्धता परखने के लिए भी आपके पास एक विकल्प भी है. मावे में अकसर मिल्क पाउडर की मिलावट देखने को मिलती है. मावे की मिलावट को समझने के लिए आप आयोडीन की दो से तीन बूंद उस पर डालें. अगर मावे का रंग नीला पड़ जाए तो समझ लीजिए कि उसमें मिलावट हुई है.
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क्या हैं इसके नुकसान
मिलावटी वाले से तैयार मिठाई का सेवन करने से उल्टी, दस्त, हैजा, पेट दर्द, गले में इंफेक्शन के मरीज बढ़ जाते हैं. नकली मावे के कारण फूड पॉइजनिंग, उल्टी, पेट दर्द होने का खतरा हो सकता है.
जानिए एक्सपर्ट्स की राय
त्योहारों के सीजन में खपत बढ़ाने के लिए मिलावटखोर मिलावटी मिठाई बनाते हैं. सोडा, डिटर्जेंट, कास्टिक सोडा, यूरिया जैसे घातक पदार्थों के प्रयोग से नकली मिठाई तैयार कर बाजार में बेची जाती है. ऐसे में आयुर्वेद डॉक्टर अबरार मुल्तानी सलाह देते हैं कि आपको कोशिश करनी चाहिए कि हम बाहर से मिठाई कम से कम खरीदें, हो सके तो घर में मिठाई बना कर खाएं. गुड़ से तैयार की गई मिठाईयां खाना फायदे का सौदा हो सकता है.
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यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.