निखिल त्यागी/सहारनपुर. सहारनपुर के मुबारकपुर गांव के रहने वाले किसान संजय सैनी अपनी खास तरह की विधि द्वारा गुड़ तैयार करने को लेकर चर्चा में है. सजंय सैनी द्वारा बनाया जा रहा गुड़ हजारों रुपये प्रति किलो के हिसाब से बाजार में बिक रहा है. अब यह किसान एक लाख रुपये प्रति किलो का गुड़ बनाने की योजना पर काम कर रहा है. आप यह सोच रहे होंगे कि हजार तो ठीक था. मगर एक लाख रुपये प्रति किलो का गुड़ बाजार में कैसे बिकेगा.
कस्बा गंगोह के नजदीक छोटे से गांव मुबारकपुरनिवासी किसान संजय सैनी सोने के वर्क वाला गुड़ बनाने की विधि पर काम कर रहे हैं. सजंय सैनी ने बताया कि ऑर्गेनिक विधि से तैयार गुड़ लोगों को बहुत पसन्द आ रहा है. जिसका कारण है कि हमे भी इस क्षेत्र में नए अवसर मिल रहे हैं. उन्होंने बताया कि अब लोग सोने के वर्क और चांदी के वर्क लगा गुड़ बनाने की मांग कर रहे है. इस योजना पर हम काम कर रहे है. शीघ्र ही यह उत्पाद बाजार में उपलब्ध हो जाएगा.स्वर्ण भस्म व 80 प्रकार की देसी जड़ी बूटियों से तैयार करते हैं गुड़किसान संजय सैनी ने जानकारी देते हुए बताया कि हम जिस तरह का गुड़ उत्पादन कर रहे हैं. इसमे कई प्रकार की देसी जड़ी-बूटियों का प्रयोग होता है. गुड़ का बाजार भाव भी जड़ी- बूंटी की कीमत के अनुसार ही तय किया जाता है. उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि जैसे 5 हजार रुपये रुपये प्रति किलो की बिक्री वाले गुड़ को 80 प्रकार की जड़ी बूटियां मिलाकर तैयार किया जाता है.
11 हजार रुपये किलो बिक रहा गुड़संजय ने बताया कि इस विधि से तैयार गुड़ की प्रति वर्ष 500 किलो तक मांग है. जो भविष्य में और ज्यादा बढ़ने की संभावना है. संजय सैनी ने बताया कि स्वर्ण भस्म से तैयार गुड़ का बाजार भाव करीब 11 हजार रुपये प्रति किलो है. इसके अलावा हम हींग व देसी जड़ी बूटी मिलाकर भी गुड़ तैयार कर रहे है. इतना ही नहीं संजय सैनी ड्राई फ्रूट (मेवा) मिलाकर भी गुड़ तैयार कर रहे है. उन्होंने बताया कि मेवा मिलाकर बनाया गया गुड़ लोगों को ज्यादा पसंद आ रहा है. जिसकी वजह से हमारा यह उत्पाद हाथो हाथ बिक जाता है. उन्होंने बताया कि ऑर्गेनिक विधि से तैयार गुड़ की मांग लगातार बढ़ रही है. अभी हाल ही में कई राज्यों से गुड़ के लिए ऑर्डर आ रहे है.
कई बीमारियों के लिए रामबाण सिद्ध होगा यह गुड़किसान संजय सैनी ने बताया कि अगर हम मेथी मिलाकर तैयार किया गया गुड़ प्रयोग करते है, तो कभी आर्थेराइटिस (गठिया रोग) की समस्या नही होगी. उन्होंने बताया कि सौंफ, धनिया, आजवाइन का गुड़ दोपहर के समय खाने से कभी पित्त की बीमारी नहीं होगी. शाम के समय लौंग, जावित्री, सोंठ और काली मिर्च से तैयार गुड़ खाने से इंसान को कफ की समस्या नही होगी. संजय सैनी ने बताया कि आयुर्वेदिक गुड़ को बनाने के लिए हम लगातार मेहनत कर रहे है. इसके बेहतर परिणाम के लिए हम चिकित्सको व आयुर्वेदिक चिकित्सको से मशवरा भी करते रहते है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Saharanpur news, Uttar pradesh newsFIRST PUBLISHED : November 28, 2022, 13:05 IST
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