निखिल त्यागी
सहारनपुर. उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के आचार्य महामंडलेश्वर संत श्री कमल किशोर ने 151वीं बार रक्तदान किया है. ऐसा कर के उन्होंने कई रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज करवाया है. माता-पिता को अपना प्रेरणास्रोत मानने वाले संत कमल किशोर का मानना है कि रक्तदान कर दूसरों की जिंदगी बचाना सबसे बड़ा पुण्य है.
प्रतिष्ठित सामाजिक एवं आध्यात्मिक संस्था शून्य के संस्थापक महामंडलेश्वर संत कमल किशोर ने पहली बार 17 साल की उम्र में रक्तदान किया था. उस समय वो कॉलेज और अन्य संस्थाओं में लगने वाले रक्तदान शिविरों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते थे. 17 साल की उम्र से शुरू हुआ यह सिलसिला बदस्तूर आज भी जारी है.
संत कमल किशोर ने कहा कि रक्तदान करने से शरीर में कोई कमजोरी नहीं होती है. समाज में फैली यह भ्रांतियां मात्र हैं. वो समय-समय पर जन कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को न सिर्फ समझाते हैं बल्कि उन्हें रक्तदान के लिए प्रेरित भी करते हैं.कौन नहीं कर सकता रक्तदानसंत कमल किशोर बताते हैं कि रक्तदान करने वाले को किसी भी प्रकार का ह्रदय रोग नहीं होना चाहिए. अगर आपने छह महीने पहले शरीर पर टैटू बनवाया है तो भी ब्लड डोनेट नहीं कर सकते हैं. अगर व्यक्ति को हेपेटाइटिस बी, सी, ट्यूबरकोलोसिस (टीबी), लेप्रोसी और एचआईवी का इंफेक्शन है तो भी वो रक्तदान नहीं कर सकता. यह सब जानकारियां वो बातचीत, कार्यकर्मों और सेमिनार के माध्यम से लोगों को समय-समय पर देते रहते हैं.
कमल किशोर का मानना है कि देश और प्रदेश की सरकारों को रक्तदान की उपयोगिताओं से संबंधित जानकारियों को अपने पाठ्यक्रम में शामिल करना चाहिए. इससे बाल अवस्था से ही बच्चों को रक्तदान की उपयोगिता के बारे में जानकारियां हासिल होंगी. जब वो युवावस्था में आएं तो मानवता और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए रक्तदान के प्रति जागरूक रहें.
152वीं बार रक्तदान करेंगेसंत कमल किशोर आगामी 27 नवंबर को विशाल रक्तदान शिविर लगाने जा रहे हैं. इसमें देश के दूर-दराज के गणमान्य लोग शामिल होंगे. संत कमल किशोर 151 बार रक्तदान कर चुके हैं और अब 152वीं बार रक्त देने की तैयारी में है.
संत कमल किशोर ने बताया कि रक्तदान करने वाले लोगों में कुछ विशिष्ट रक्तदाता भी शामिल होंगे. जैसे कि चंडीगढ़ से 129 बार प्लेटलेट्स और रक्तदाता सतीश सचदेवा, देहरादून से 127 बार रक्तदाता योगेश अग्रवाल, सहारनपुर से 103 बार के रक्तदाता अमित सेठी, अहमदाबाद से 99 बार के रक्तदाता रमेश सी जानी, देहरादून से 99 बार के रक्तदाता डॉ. मुकुल शर्मा, अहमदाबाद से 54 बार के रक्तदाता वैशाली एच पांड्या, आदि लोग इस विशाल रक्तदान शिविर में हिस्सा लेंगे.
इन रिकॉर्ड में दर्ज किया अपना नामइंडियन अचीवर बुक ऑफ़ रिकॉर्ड, एशिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड, इंडिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड, ब्रैवो बुक ऑफ़ रिकॉर्ड मैं अपना नाम दर्ज करवाने वाले संत कमल किशोर का कहना है कि रक्तदान का केवल एक ही धर्म है, मानवता.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Blood bank, Blood Donation, Saharanpur news, Up news in hindiFIRST PUBLISHED : November 24, 2022, 17:10 IST
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