रिपोर्ट : वसीम अहमद
अलीगढ़. मां तो मां होती है और मां से बड़ा योद्धा इस दुनिया में कोई और नहीं होता. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं कि पंश्चिम बंगाल से एक बीमार मां उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में पैसा कमाने के लिए आई थी. ताकि उसकी बेटी की सही सलामत डीलिवरी हो सके. लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. दरअसल जिस बेटी की सलामती के लिए मां सैकड़ों किलोमीटर दूर आई थी, उसी मां की मौत ने मां-बेटी को हमेशा के लिए जुदा कर दिया. लेकिन सिपाही नवीन कुमार और मानव उपकार संस्था के संस्थापक विष्णु कुमार बंटी ने आखिरी समय पर बेटी को मां के दर्शन करा दिए.
अलीगढ़ की मानव उपकार संस्था के संस्थापक विष्णु कुमार बंटी के मुताबिक, सिविल लाइन थाने की मेडिकल चौकी के कॉन्स्टेबल नवीन कुमार ने फोन कर बताया कि 16 नवम्बर को जेएन मेडिकल कॉलेज से एक महिला का शव प्राप्त हुआ है. इस महिला के पास से एक मोबाइल फोन मिला है. फोन के आधार पर महिला की शिनाख्त पश्चिम बंगाल के शिघुलकुशी जनपद के कुश विहर की रहनेवाली विधवा महिला बुलबुली के रूप में हुआ है. उनके पति का नाम स्व विपुल बर्मन था. कॉन्स्टेबल से बात होने के बाद विष्णु कुमार बंटी ने शव को नुमाइश मैदान स्थित मुक्तिधाम लाने के लिए कहा. जिसके बाद मेडिकल चौकी के सिपाही नवीन कुमार ने अपने साथी होमगार्ड की मदद से महिला बुलबुली का शव लेकर मुक्तिधाम पहुंच गए.
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बेटी ने मां को दी आखिरी विदाई
विष्णु कुमार बंटी और सिपाही नवीन इस महिला के शव के अंतिम संस्कार की तैयारी कर ही रहे थे कि बुलबुली की गर्भवती बेटी विपली बर्मन का फोन आ गया. बेटी को जब मां की मौते के बारे में पता चला तो रो-रोकर उसका बुरा हाल हो गया. विष्णु कुमार ने विपली बर्मन और उसके पति चन्दन बर्मन को अलीगढ़ आने की बात कही, जिसके बाद विपली ने बताया कि मैं अपने पति चन्दन के साथ अपनी मां के घर पर ही रहती हूं. मेरा कोई भाई या बहिन नही है और मैं गर्भवती हूं. मेरे पति भी छोटी-मोटी मजदूरी करते हैं. मेरी डिलीवरी के लिए पैसों की जरूरत थी जिसके लिए मेरी मां को ठेकेदार हाशिम मजदूरी कराने के लिए नोएडा लेकर गया था. इस दौरान मेरी मां की मौत हो गई. साथ ही बताया कि मेरे पास न तो पैसा है और न मेरी हालत ऐसी है कि मैं वहां आकर अपनी मां का अंतिम संस्कार कर सकूं. ऐसे में आप सभी से गुहार है कि आप मेरी मां को मोबाइल पर ही दिखा दीजिए.वीडियो कॉलिंग से अंतिम संस्कार
तब विष्णु कुमार ने वीडियो कॉलिंग के माध्यम से विपली बर्मन को उनकी मां के अंतिम दर्शन कराए और अंतिम संस्कार भी दिखाया गया. एक मां और बेटी के प्यार में पैसे की दीवार को जब सोशल मीडिया के जरिए तोड़ा गया तो बेटी फफक-फफक कर रोने लगी. गौरतलब है कि मानव उपकार संस्था लावारिस शव का अंतिम संस्कार करती है. किसी लावारिस शव का अंतिम संस्कार कराने के लिए 9412732100 पर संपर्क कर सकते हैं.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Aligarh news, Last Rites, UP newsFIRST PUBLISHED : November 24, 2022, 17:40 IST
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