UP: बस्ती में 10 हजार लोगों पर मंडराता जान का खतरा, अब तक 5 की मौत, जानिए मौत के पुल की कहानी

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UP: बस्ती में 10 हजार लोगों पर मंडराता जान का खतरा, अब तक 5 की मौत, जानिए मौत के पुल की कहानी



रिपोर्ट: कृष्ण गोपाल द्विवेदी

बस्ती: देश अपना 75वां अमृत महोत्सव भले ही मना चुका हो. लेकिन बस्ती के कलवारी में एक ऐसा लकड़ी का पुल है. जिसपर हर रोज 10 हजार से ज्यादा लोगों का आवागमन होता है. पुल की हालत ऐसी है जो कभी भी गिर सकती है. लकड़ी के इस पुल को यमराज का पुल या जानलेवा पुल कहा जाए तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए. इस पुल पर अभी तक एक दर्जन से अधिक व्यक्ति अपनी जान गंवा चुके हैं. अभी हाल ही के दिनों में गुजरात के मोरबी में हुए हादसे के बाद भी बस्ती जिला प्रशासन की कुंभकर्णी नींद नहीं टूट रही है. कब यहां कोई बड़ा हादसा हो जाए कोई नहीं जानता है.

बस्ती मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूरकलवारी थाना क्षेत्र के कठऊवा-माझा कला गांव में स्थित इस पुल का निर्माण आज से लगभग 28 वर्ष पहले पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा कराया गया था. यह यमराज रूपी पुल आज अपने बदहाली पर आंसू बहा रहा है. पुल के बीच में कई जगहों पर होल भी हो चुका है. लकड़ी के बेत का बना यह पुल अपने निमार्ण के दिनों से ही विवादों में रहा. कारण नदी पर बेत का पुल तो बना दिया गया. लेकिन पुल के दोनों साइड में रेलिंग नहीं बनाया गया. जिसका उस समय ग्रामीणों ने विरोध भी किया था. लेकिन आश्वासन देकर पीडब्ल्यूडी विभाग ने मामले को ठंडे बस्ते में और बजट को जेब में रख लिया. वहीं स्कूल में पढ़ने के लिए पुल से आने जाने वाले 5 मासूम बच्चे भी इस यमराजरूपी पुल से गिरकर काल के गाल में समा चुके हैं.

जान जोखिम में डालकर पुल से गुजरते है लोग

माझा कला गांव के राम लखन ने बताया. लाइट आदि की व्यवस्था न होने के कारण रात में इस पुल पर चलना मौत को दावत देने जैसा है. रात के समय में यह पुल स्वयं यमराज का रूप धारण कर लेता है. आने जाने वाले लोग अगर सतर्क न रहे तो वो रात उनकी अंतिम रात साबित हो जाती है. अगर इस गांव में जो भी व्यक्ति आता है तो वो अपनी जान जोखिम में ही डालकर आता है. गांव की ऊषा देवी ने बताया कि पुल की जर्जर हालत देख के हम लोगों को पुल पर चलने में डर लगता है. इसलिए हम लोग अपने नाव से ही नदी पार कर लेते हैं.

शासन को भेजा गया प्रस्ताव- DM

डीएम के बस्ती प्रियंका निरंजन ने बताया कि मामले में पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों को मौके पर भेजकर इसकी जांच करवाई जाएगी. जो भी इसमें आवश्यक कार्रवाई होगी वो की जाएगी. पीडब्ल्यूडी विभाग के प्रांतीय खण्ड अधिशासी अभियंता केशव राम ने बताया कि कठौवा माझा कला के गांववासियों के लिए लकड़ी का अस्थाई पुल बनाया गया था. अब पक्के पुल के निर्माण के लिए शासन को प्रस्ताव भेज दिया गया है. जैसे ही स्वीकृति मिलेगी पुल बनवाने का कार्य किया जाएगा.
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