Moradabad : ‘पराली मत जलाओ’, मंदिर-मस्जिद के लाउडस्पीकर से होती है अपील, मिसाल बन रहे ये किसान

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Moradabad : 'पराली मत जलाओ', मंदिर-मस्जिद के लाउडस्पीकर से होती है अपील, मिसाल बन रहे ये किसान



रिपोर्ट – पीयूष शर्मा
मुरादाबाद. ‘अल्लाह हो अकबर’ और ‘ओम जय जगदीश हरे’ की आवाज़ें जिन लाउडस्पीकरों से सुनाई देती हैं, मुरादाबाद के ग्रामीण क्षेत्रों में उन्हीं से एक अपील भी गूंजती है, ‘किसान भाई पराली न जलाएं, इससे खाद बनाएं या पशुओं का चारा.’ असर यह है कि तीन साल से मुरादाबाद के इस क्षेत्र में पराली जलाने की गतिविधि न के बराबर रह गई है. उत्तर प्रदेश में पराली जलाने को लेकर सिर्फ सरकार ने ही सख्ती नहीं दिखाई बल्कि किसान खुद भी पर्यावरण के लिए उठ खड़े हुए हैं और एक मिसाल कायम कर रहे हैं.
पराली जलाए जाने का असर यह है कि हवा में कार्बन के कण साफ तौर पर स्मॉग के रूप में बढ़े हुए दिख रहे हैं. खास तौर से पश्चिमी यूपी में यह संकट बड़ा रहा है. पिछले साल पराली जलाने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश थे. प्रदेश के विभिन्न किसानों के खिलाफ 868 मुकदमे दर्ज भी हुए, जिन्हें योगी सरकार द्वारा बाद में निस्तारित कर दिया गया. अब सरकार ने कहा है कि पराली जलाने वालों के खिलाफ पर्यावरण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की जाएगी. इधर, मुरादाबाद में किसान खुद ही जागरूकता फैला रहे हैं.
पाकबड़ा थाना क्षेत्र के गंगवारी गांव के जागरूक किसान दूसरे क्षेत्रों के किसानों को भी जागरूक कर रहे हैं. सभी लोग मिलकर जगह-जगह जाकर किसानों से पराली न जलाने की अपील करते हैं. यही नहीं, गांवों के मंदिर और मस्जिद में लगे लाउडस्पीकर के ज़रिये भी अनाउंसमेंट किए जा रहे हैं और बताया जा रहा है कि पराली जलाना खतरनाक है. साथ ही, किसान जलाए बगैर इसका उपयोग किस तरह कर सकते हैं.
तीन साल की कोशिश का नतीजा

न्यूज 18 से बातचीत करते हुए मोहम्मद जावेद, बबलू, रोहतास, सिद्दैन आदि किसानों ने बताया कि ये सभी लोग पर्यावरण संरक्षण को लेकर पिछले तीन सालों से मिलजुल कर काम कर रहे हैं. ये लोग कहते हैं ‘हम पेड़ पौधे लगाने के संदेश देने के साथ ही यह भी समझाते हैं कि पराली को कैसे बेहतर ढंग से उपयोग में लाया जा सकता है. पहले लोग पराली जलाते थे, जिससे प्रदूषण बढ़ता था लेकिन अब इसको गला कर खाद बनाई जा रही है. यह खाद खेतों में डालने से फसल भी अच्छी होती है. दूसरे यह पराली पशुओं के लिए अगले छह महीने तक के लिए चारे के तौर पर भी यूज़ की जाने लगी है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Moradabad News, Stubble BurningFIRST PUBLISHED : November 02, 2022, 16:02 IST



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