नई दिल्ली: पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गए उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर विकास दुबे, उसके परिवार और गुर्गों की 10 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति धन शोधन रोधी कानून के तहत कुर्क की गई है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को यह जानकारी दी. एजेंसी ने एक बयान में बताया कि कानपुर और लखनऊ में स्थित कुल 28 अचल संपत्तियों को कुर्क करने के लिए धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक अस्थायी आदेश जारी किया गया है. ईडी ने बताया कि कुल 10.12 करोड़ रुपये की ये संपत्तियां विकास दुबे, उसके परिवार के सदस्यों, उसके खास जयकांत बाजपेयी एवं उसके परिवार के सदस्यों और दुबे के अन्य गुर्गों के नाम पर है. उसने बताया कि ये संपत्तियां ‘‘विकास दुबे की आपराधिक गतिविधियों से प्राप्त धन से हासिल की गई हैं.’’
पुलिस ने बताया था कि दुबे की 10 जुलाई, 2020 की सुबह पुलिस मुठभेड़ में उस समय मौत हो गई थी, जब उसे उज्जैन से कानपुर ले जा रहा पुलिस वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया था और उसने घटनास्थल से भागने की कोशिश की थी. दुबे की मुठभेड़ में मौत से पूर्व उसके पांच कथित सहयोगी अलग-अलग मुठभेड़ों में मारे गए थे. इससे पहले, कानपुर के चौबेपुर क्षेत्र के बिकरू गांव में तीन जुलाई, 2020 की रात पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मियों की उस समय मौत हो गयी थी, जब वे विकास दुबे को गिरफ्तार करने जा रहे थे और उन पर घात लगाकर हमला किया गया था.
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ईडी ने कहा कि दुबे और उसके गुर्गे संगठित अपराध, भू माफिया, भ्रष्टाचार और सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के लिए धन के गबन जैसे विभिन्न प्रकार के अपराधों में शामिल थे. बयान में कहा गया है, ‘‘तथ्य, सबूत और रिकॉर्ड यह साबित करते हैं कि उक्त व्यक्ति धनशोधन के अपराध में शामिल थे और उन्होंने अपराध से प्राप्त अधिकतर धन को अचल संपत्तियों में निवेश किया था.’’ संघीय एजेंसी ने दुबे और उसके सहयोगियों के खिलाफ उत्तर प्रदेश पुलिस की कई प्राथमिकियों का संज्ञान लेने के बाद धनशोधन का मामला दर्ज किया गया था.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: ED, Uttar pradesh news, Vikas Dubey EncounterFIRST PUBLISHED : November 02, 2022, 16:23 IST
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