रिपोर्ट- मंगला तिवारी
मिर्जापुर. उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जनपद में डेंगू बुखार के बीच फाइलेरिया बीमारी ने भी अब दस्तक दे दी है. मिर्जापुर शहर के अलावा ग्रामीण इलाकों में यह बीमारी तेजी से बढ़ रही है. अभी तक स्वास्थ्य विभाग में ‘हाथी पांव’ फाइलेरिया के लक्षण वाले 157 मामले दर्ज हुए हैं. बता दें कि फाइलेरिया बीमारी भी डेंगू और मलेरिया की तरह मच्छरों के काटने से ही फैलती है. इस बीमारी में भी शुरुआत में बुखार और शरीर में दर्द होता है. इसके बाद पैर में सूजन शुरू होती है. यह सूजन लगातार बढ़ती जाती है.
फाइलेरिया बीमारी मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होती है. शुरुआत में बीमारी के लक्षण दिखने पर मरीज यदि समय से इलाज कराता है, तो वह कुछ ही साल के अंदर फाइलेरिया जैसी घातक बीमारी से मुक्ति पा सकता है. हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों के लोग जागरूकता की कमी के वजह से इस बीमारी को हल्के में ले लेते हैं. फिलहाल मिर्जापुर जिले में सबसे अधिक 46 फाइलेरिया के मरीज पड़री ब्लॉक में मिले हैं.
इन इलाकों में सबसे ज्यादा मामलेमिर्जापुर के विजयपुर ब्लॉक में 8, चील्ह ब्लॉक में 28, हालिया ब्लॉक में 22, पड़री ब्लॉक में 46, चुनार ब्लॉक में 14, राजगढ़ ब्लॉक में 19 और सिटी ब्लॉक में 10 मामले फाइलेरिया के सामने आए हैं. ये वो ब्लॉक हैं जहां फाइलेरिया बीमारी का पॉजिटिविटी रेट तय मानकों के ऊपर है. इसके अलावा गुरसंडी ब्लॉक में 1, लालगंज में 3, पटेहरा में 1, कछवा में 1, सीखड़ में 3 और जमालपुर ब्लॉक में 1 फाइलेरिया का मामला सामने आया है.
नियमित इलाज से मिलती है निजातजिला मलेरिया अधिकारी संजय द्विवेदी ने बताया कि जिस किसी के भी रक्त में माइक्रो फाइलेरिया उपस्थित रहेगा, उसको भविष्य में फाइलेरिया होने की प्रबल संभावना रहती है. उन्होंने बताया कि यदि मरीज तीन साल तक नियमित इलाज कराता है तो वह इस गंभीर बीमारी से निजात पा सकता है. जनपद स्तर पर फाइलेरिया की एक यूनिट स्थापित है. इस यूनिट में जांच की रात्रिकालीन सेवा के साथ ही निःशुल्क दवा भी दी जाती है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Mirzapur news, UP newsFIRST PUBLISHED : October 28, 2022, 15:04 IST
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